प्यासी मालकिन को मिला मर्द का प्यार

प्यासी मालकिन को मिला मर्द का प्यार

हेलो दोस्तों आप सबका chut-phodo.blogspot.com में बोहोत बोहोत स्वागत है। मेरा नाम विवेक है। मैं इस वेबसाइट का एक पाठक हूं। कुछ दिनों से मैं इस वेबसाइट की कहानियों को पड़ रहा हूं। आज मुझे भी अपनी एक चुदाई कहानी आपलोगों के साथ शेयर करने की इच्छा हुई। इस अन्तर्वासना चुदाई कहानी में मैं आपको बताऊंगा की मैने कैसे अपने पति के प्यार से वंचित मेरी मालकिन को मर्द का प्यार दिया। तो आपलोग मेरी वो मालकिन की चुदाई कहानी पूरे मन लगाकर पढ़िएगा।

प्यासी मालकिन की बिस्तर में चुदाई कहानी

विशेष सूचना: ये कहानी और इसके सारे चरित्र काल्पनिक है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ इनका सादृष्य केवल एक संयोग है।


मैं अपनी मां और बहन के साथ किराए के मकान में रहता हूं। मेरे पिता का देहांत बहुत समय पहले हो गया था। मेरी उम्र पच्चीस है। मैं जॉब करता हूँ। मैं इस घर को 1 साल से अधिक समय से किराए पर ले रहा हूं। मैं नीचे रहता हूं और मकान मालिक ऊपर रहते हैं। घर में मालिक की पत्नी और मां हैं। उनकी पत्नी का नाम सिमरन है। मैं उसे भाभी कहता हूं। वह मुझे भाई कहती है। भाभी दिखने में बेहद खूबसूरत है और वो बेहत अच्छी फिगर वाली भी है। मध्यम आकार का दूध, हल्की चर्बी वाला पेट और बड़ी गांड।


ऊंचाई मुझसे थोड़ी छोटी है। बह मुझसे ४ महीने बड़ी है। लगभग एक ही उम्र कहा जा सकता है। भाभी की बहुत कम उम्र में शादी हो गई थी। उनके पति की उम्र करीब ४० से ५० साल है। उनकी एक बेटी है। कक्षा 5 में पड़ती है वो। मैं पहले दिन से ही उनको लेकर बहुत लालची था। बस यही लग रहा था कि सिमरन (भाभी) मेरी पत्नी होती तो बहुत अच्छा होता। भाभी को काफी दिनों से मैं चोदना चाहता था। अगर मुझे एक बार मौका मिले तो मैं धन्य हो जाऊंगा। इस १ साल में मैंने कितनी बार भाभी के बारे में सोचकर मुठ मारी है।


अभी कोरोना के समय मे मेरे ऑफिस की छुट्टी है। इसलिए पुरेदीन घर में लेटे हुए दिन बिता रहा हूं। इसलिए भाभी पर मेरा थोड़ा और ध्यान जा रहा है। भाभी घर पर हमेशा नाइटी पहने ही रहती है। मेरे कमरे में खिड़की के पास कुछ फूल वाले पौधे हैं। भाभी रोज दोपहर को पानी देने आति हैं। जब वो पानी देने के लिए झूंकती हैं, तो मै खिड़की से बाहर झांकता हूं और भाभी के दूध देखता हूं। मेरी कभी हिम्मत नही हुई उनको कभी कुछ कहने की। मैंने एक और बात देखी है की न जाने क्यों भाभी का मूड हमेशा चिड़चिड़ा रहता है।


एक दिन माँ और बहन चाचा के घर गए हुए थे। लेकिन उससे मुझे कुछ फायदा नहीं हुआ। क्योंकि भाभी का पति और उनकी सास दोनो घर पर ही थे। मैं सोच रहा था कि कैसे भाभी को चोदने का एक अवसर प्राप्त करूं। सुबह के 11 बजे हैं। अचानक मैंने भाभी की सास की रोने की आवाज सुनी। मैं देखने के लिए ऊपर गया। मैंने सुना कि भाभी की सास की छोटी बहन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भैयाजी (घर के मालिक) ने कहा चलो अस्पताल चलते हैं और क्या हुआ है देखते हैं। भाभी ने कहा मैं नहीं जाऊंगी, मेरी तबीयत ठीक नहीं है। भैयाजी ने कहा ठीक है मैं और मेरी मां जाते हैं। इस वक्त उनकी छोटी बच्ची जाने की जिद पकड़ लेती है, तो मैं भी जाऊंगी।


आखिर में भैया उनकी मां और बच्ची को लेकर अस्पताल के लिए निकल गए और मुझे घर पर भाभी की काम में मदद करने के लिए कहा। मैं अपने मन में ही मुस्कुराया और कहा कि बिल्ली को मछली की रखवाली करने के लिए कहा है आपने भैयाजी। मैं सीढ़ियों के नीचे उतर गया। क्योंकि मुझे खाना बनाना था। मैंने भाभी से कहा कि अगर कोई जरूरत होगी तो फोन कीजियेगा। १० मिनट बाद मैंने खिड़की से देखा कि भाभी पानी लेने जा रही हैं। भाभी ने मुझे फोन किया और पानी लाने को कहा। मैंने बाल्टी लेकर पानी लाने चला गया।


भाभी पानी ले रही हैं और मैं उनके पीछे खड़ा होकर उनकी मोटी गांड देख रहा हूं। भाभी ने मुझसे कहा कि तुमने क्या खाना पकाना शुरू कर दिया है। मैंने यह कहा कि मैं अभी पानी ले जाकर शुरू करूंगा। भाभी ने कहा कि अब तुम्हे खाना बनाने की जरूरत नहीं है - मैं दोनो के लिए बना रही हूं। मैंने कहा नहीं, मैं खाना बना लूंगा। भाभी ने कहा की नहीं मैं खाना बनाऊंगी। मैंने कहा ठीक है, आपका धन्यवाद। भाभी पानी लेकर चली गई। मैं सोच रहा हूं कि भाभी को चुदाई के लिए कैसे मनाऊं। 


 मुझे उनको बताने की हिम्मत नहीं है। क्या करू? कुछ तो करना ही पड़ेगा। २० मिनट के बाद भाभी ने मुझे कॉल किया। मैं ऊपर भाभी के पास चला गया। ऊपर जाके मैने भाभी को रसोई में खाना बनाते देखा। गर्मी काफी ज्यादा थी, भाभी का शरीर पसीने से गीला हुआ था। उन्होंने नाइटी के अंदर कुछ भी नहीं पहना था। पसीने की वजह से नाइटी के ऊपर से ही उनके पसीने से भीगे हुए स्तनों को महसूस किया जा सकता था। नाइटी के अंदर से भाभी के चूचे अंगूर की तरह फूले हुए थे। ऐसा लग रहा था कि पीछे से उनके दूध निचोड़ लूं। ये सब सोचकर मेरी चुदाई की इच्छा बढ़ती ही जा रही थी। इसके बाद भाभी ने मुझसे कहा की मेरे लिए दुकान से हल्दी लेकर आओ।


मैने उनकी बात मानी और मैं दुकान से हल्दी लेकर आ गया। मैंने सोचा कि अगर मैंने भाभी के साथ कुछ समय नहीं बिताया, तो मैं उन्हें चोद नहीं पाऊंगा। तो मैंने भाभी से कहा कि मैं और कुछ मदद करूं आपकी? मुझे अकेले बैठना पसंद नहीं है। कहिए मुझे क्या करना है? भाभी ने कहा कि और क्या करोगे, यहीं खड़े होकर बात करो मुझसे। मैं भाभी के साथ बातें करने लगा। बात करते-करते मैं बार-बार उनके दूध और उनका आकर्षक शरीर देख रहा था। और जैसे-जैसे मैं और देखता गया, मेरा लंड कठिन से और कठिन होता गया।


मैंने शॉर्ट्स पहन रखे थे और कोई अंडरवियर नहीं थी। तो यह आसानी से शॉर्ट्स के ऊपर से समझा जा सकता है कि मेरा औजार कठिन हो रहा है। ऐसा लग रहा था कि मैं अभी उनको चोदने वाला हूं। भाभी ने मुझे एक बर्तन ऊपर से नीचे उतारने को कहा। वो बर्तन किचन में एक ताक के ऊपर रखा हुया था। मैं किचन के बाहर से एक कुर्सी अंदर लेके लाया। इसके बाद मैंने कहा कि आप इस कुर्सी को कस कर पकड़िये, मैं इसके ऊपर चढ़कर ऊपर रखे बर्तन को नीचे उतरता हूं। भाभी मेरे सामने आई और सामने से कुर्सी को पकड़ लिया। मैं कुर्सी के ऊपर चढ़ गया। जैसे ही मैं कुर्सी के ऊपर उठा, मेरा आधा बड़ा लंड भाभी के चेहरे के ठीक सामने आ गया।


भाभी ने थोड़ा झुंककर कुर्सी को पकड़ा था। मुझे ऊपर से उनके दूध अच्छे से दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड उछल रहा था। उनके स्तन काफी बड़े थे, ऐसा लग रहा था की मानो किसी ने दो छिले हुए पके आम वहां रख दिए हो। भाभी के स्तन पहले से ही पसीने से भीगे हुए थे और अब तो मैं उन्हें बहुत अच्छे से देख पा रहा था। इसलिए मेरे लंड का खड़ा होना रुक ही नहीं रहा था। भाभी ने मुझे जल्दी करने के लिए कहा। मगर मुझे जल्दी करना नही था, क्योंकि मैं तो उनके पके हुए आमो का लुफ्त उठा रहा था। जी कर रहा था की चूस चूस के इन दोनों आमो का रस पी जाऊं। भाभी ने इस बार अपना चेहरा उठाकर मेरी तरफ देखा मैं थोड़ा घबरा गया। भाभी समझ गई थी कि मैं इतनी देर से उनके स्तन देख रहा हूं। मैंने तुरंत ही बर्तन को ऊपर से नीचे उतार दिया और वह बर्तन उनके हाथों में थमा दिया। इसके बाद मैं नहाने चला गया। 


नहाने जाते वक्त मैंने भाभी से कहा कि, "आप अपना थोड़ा ध्यान रखा कीजिए। भाभी ने कहा, "ठीक है मेरी सेहत के बारे में पूछने के लिए तुम्हारा शुक्रिया।" नहाते हुए मैंने भाभी के स्तन और गांड के बारे में सोचते हुए मुठ मारी। करीब १ घंटे बाद मैं बाथरूम से बाहर आया।


बाथरुम से बाहर निकलते ही मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल मेरे सामने खड़ी थी। 


भाभी - "विवेक, नहाने में इतना समय लगता है? नहा रहे थे या कुछ और कर रहे थे?

मैं - कुछ और मतलब ?

भाभी - ज्यादा भोले बनने की कोशिश मत करो, मुझे सब पता है।

भाभी के बात सुनकर मुझे हिम्मत मिली।

मैं - अच्छा आप बताइए कुछ और का मतलब।

भाभी - तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है?

मैं- अभी नहीं है, लेकिन पहले थी।

भाभी - अच्छा !! चलो ठीक है आकर खाना खा लो।

दोनों एक साथ खाना खाने बैठ गए। खाना खाकर भाभी ने मुझसे कहा, "तुम जाकर मेरे कमरे में बैठो, मैं आ रही हूँ"।


मैं कमरे में जाकर बैठ गया। भाभी थोड़ी देर बाद कमरे में आई। इसके बाद उन्होंने जो किया वह देखकर मैं दंग रह गया। उन्होंने कमरे की साड़ी खिड़कियां और दरवाजा बंद कर दिया।

मैं - भाभी, आप सभी खिड़कियाँ और दरवाजा बंद क्यूं कर हैं?

भाभी - एसी चलाने के लिए। आज बहुत गर्मी है।

फिर मैं पलंग के पास बैठ गया और बातें करने लगा। थोड़ी देर तक हसी मजाक करते करते भाभी अचानक अपने परिवार के बारे में बातें करने लगी।

भाभी - इस दुनिया में कोई मुझसे प्यार नहीं करता, मैं जीना नहीं चाहती।

मैं – ऐसा मत कहिए भाभी। भैया तो आपसे बोहोत प्यार करते हैं।

भाभी – मेरे सामने उस हरामजादे के बारे में कोई बात मत करना। वह कोई इंसान नहीं है, जानवर है जानवर।

मैं –आप भैया के बारे में ऐसी बातें क्यों कर रही हैं। क्या आप मुझे खुल कर बताएंगी कि क्या हुआ है। एक एक और बात, आप हमेशा गुस्से में ही क्यों रहती हैं। जब से मैं इस घर में आया हूं तब से देख रहा हूं कि आपका मूड हमेशा खराब ही रहता है।

भाभी –अब क्या बताऊं मैं तुम्हे अपनी फूटी किस्मत के बारे में। जब मैं १९ साल की थी और तुम्हारे भैया ३१ साल के थे तब हमारी शादी हो गई थी। मैं इतनी कम उम्र में शादी नहीं करना चाहती थी। लेकिन मेरे घर वालों ने मेरी एक ना सुनी। उन्होंने इस जानवर के साथ मेरी शादी करा दी।

बातें करते करते मैंने देखा की भाभी की आंखें आंसुओं से भर चुकी थी।

भाभी – शादी की पहली रात से ही वह मेरे ऊपर बहुत अत्याचार करते हैं। बीवी से कैसे प्यार किया जाता है ये तो उन्हे पता ही नही है। पहली रात को अपनी बीवी को प्यार से सहलाते हैं। लेकिन वो तो एक जानवर की तरह मेरे ऊपर टूट पड़े। अपने दांत और नाखूनों से मेरे बदन को उन्होंने चोट और खरोचों के निशानों से भर दिया। सुबह के पांच बजे मुझे नींद से उठाकर फिरसे मेरी जमके ली।

भाभी की बात सुनकर मै समझ गया की भैया को "wild sex" पसंद है। अगर आपको नही पता है इसके बारे में तो मै आपको बताता हूं। इस तरह की चुदाई में औरत के शरीर को चोट पहुंचाया जाता है। सेक्स करते वक्त औरत को पीटा जाता है। इसके अलावा उनके बालों को पकड़के खींचा जाता है। मतलब कैसा भी करके औरत को तकलीफ दी जाती है। अगर आपको इसके बारेमें और जानना है तो google पर जाके सर्च कीजिए।


भाभी – मैने कई बार आपके घरवालों से इस बारेमे बात की। लेकिन अनलोगो ने भी मेरी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया।


भाभी जैसी हॉट और सेक्सी बीवी अगर मुझे मिल जाए तो मेरी तो जिंदगी सबर जाए। लेकीन भैया ऐसी फुल जैसी बीवी के ऊपर अत्याचार करते हैं। ये मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा।इसके बाद भाभी ने अपना सिर मेरी गोद के ऊपर रख दिया और वो रोने लगी। मैने उनके आंसू पोंछ दिए और उनसे अपनी मनकी बात कहने लगा।


मैं - भाभी आपसे एक बात कहना चाहता हूं मैं, आप नाराज़ मत होना प्लीज।

भाभी - में नाराज नहीं हूंगी। कहो क्या कहना है

मैं–आप मुझे पसंद हैं।

भाभी - क्यों झूठ बोल रहे हो?

मैं- सच कह रहा हूँ। पहले दिन से आप मुझे बोहोत पसंद हैं।

बौडी - सच में ???

मैं - हाँ भाभी। आप मुझे बहुत पसंद हैं

फिर मैने कहा- मैं आपका सिर दबा देता हूं। 


भाभी मेरे पेट की ओर मुंह करके लेटी हुई थी। भाभी के कोमल गाल और गर्म सांसों के स्पर्श से मेरा लैंड बड़ा होने लगा। भाभी ने भी मेरे बढ़ते हुए लंड को महसूस किया।


भाभी - क्या तुम मुझसे प्यार करोगे। मैं एक औरत हूं, हर औरत का मर्द का प्यार पाने का पूरा हक है। मुझे कभी किसी मर्द का प्यार नहीं मिला। मिला है तो सिर्फ मर्द का अत्याचार।

मैं– हां हां बिलकुल भाभी। मैं आपको दिखाऊंगा की मर्द लोग प्यार करना जानते हैं। कुछ बुरे मर्दों की वजह से पूरी मर्द जाति की बदनामी होती है। ये लोग मर्द के नाम पर कलंक हैं।

मैं - भाभी क्या आप एक किस देंगी?

भाभी - नहीं। इतनी जल्दी नहीं।


इसके बाद मैंने भाभी को मनाने के लिए अच्छे से उनके सर की मालिश कर दी और उनके माथे को सहलाने लगा। भाभी भी अपनी आंखें बंध करके मजे ले रही थी।


इसके बाद मैंने एक और बार भाभी से पूछा

मैं- प्लीज भाभी। एक किस।

भाभी - ठीक है, लेकिन सिर्फ एक। गाल पर खाओ।

मैं - नहीं, होठों पर। आपके होंठ बहुत कोमल और रसीले हैं।

भाभी - नहीं, होठों पर नहीं।

मैं– केवल एक ही खाऊंगा।

भाभी - ठीक है।

मैं - मेरी गोद से ऊपर उठकर बैठ जाइए।


भाभी उठ बैठी। मैंने भाभी की गर्दन के पिछले हिस्से को अपने हाथ से पकड़ा फिर मैंने भाभी के निचले होंठ को अपने मुंह में भर लिया। इसके बाद मैंने लगातार चूसना शुरू कर दिया। मैंने देखा कि भाभी ने मुझे नही रोका। कुछ देर बाद भाभी भी मेरे होठों को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी जीभ से भाभी की गर्दन को चाटना शुरू किया। भाभी का शरीर बिल्कुल एक कोमल फूल की तरह था। इतना नरम और इतना मुलायम कि क्या ही बताऊं मैं आप लोगों को। भाभी और मैं दोनों ने अपनी आँखें बंद कर लीं। अब मैने अपना एक हाथ भाभी के दूध पर रख दिया। नाइटी के ऊपर से ही मैं उनके दूध दबाने लगा।


इसके बाद मैं भाभी के पीछे गया और पीछे से उनको जकड़ा और उनके होठों को चूमने लगा। भाभी ने भी अपनी गर्दन घुमा कर मुझे अपने होठों को चूमने का अफसर दिया। होंठों को चूमते चूमते मैं उनके दूध भी दबाने लगा। भाभी के चूंचे मेरे दबाने की वजह से अंगूर की तरह फूल गए थे। मैंने उनको आहिस्ता से अपनी उंगलियों से थोड़ा दबाया तो भाभी ने मेरे होंठ चूमते हुए ही उम्म उम्मम करके अपने मुंह से आवाजें निकलने लगी। मुझे पता चल गया की उन्हें अच्छा लग रहा है। असल में कोई भी औरत अगर सही हाथों में पड़ जाए तो उसे सुख मिल सकता है।


थोड़ी देर तक चूमने और दूध दबाने के बाद मैने चुंबन करना बंद कर दिया। भाभी ने मुझसे कहा कि, "तुम्हारे भैया मुझे इस तरह कभी प्यार से नही चूमते हैं।


मैंने इसके बाद भाभी को बिस्तर पर लेटा दिया। फिर मैंने उनकी नाइटी खोली। उफ़, क्या सुंदर स्तन हैं भाभी के, गोल स्तनों के बीच में भूरे रंग की चूची बाहर की तरफ फूली हुई। लेकिन दूध के ऊपर कई जगह पर लाल रंग के धब्बे बने हुए हैं। में समझ गया की ये भैया के दांत और नाखूनों के निशान हैं। इसके बाद मैं एक हाथ से एक दूध निचोड़ने लगा और दूसरे हाथ से दूसरे दूध को पकड़के चूसने लगा। भाभी आह आह करके चिल्ला रही हैं।


भाभी - तुम्हारे भैया ने मुझे कभी इस तरह दुलार नहीं किया।


तब मैं उनके पेट में चुंबन करने के लिए सीने के नीचे चला गया। बड़ी सेक्सी पेट है उनकी, मैं अपनी जीभ से पेट को चाटने लगा। मैंने भाभी को कांपते देखा और वो अपने मुंह से जोर-जोर से सांसे लेने लगी। इसके बाद मैंने भाभी की गहरी नाभि में अपने जीभ डाल दी और घुमाने लगा।


भाभी - हाय मां, मर गई मैं तो। मैं अब और नहीं सह सकती। विवेक, तुम मुझे खूब मजा दे रहे हो।


मैं समझ गया कि अब भाभी चुदाई के लिए एकदम तैयार हो गई हैं। इस बार मैंने उनकी पैंटी पर हाथ रखा। मैने देखा की चूत से रस निकलकर पैंटी बिलकुल गीली हो गई है। मैंने उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को अपनी उंगलियों से थोड़ा रगड़ा और इसके बाद मैंने पैंटी खोली। आह हल्के बालों से भरी हुई क्या सुंदर चूत है। एक छोटी सी गुलाब की पंखुड़ियों जैसी चूत और हल्का लाल रंग। उफ़! मैं अब अपने आप को नियंत्रित नहीं कर सकता था। लेकिन यहां पर भी उस हरामजादे ने अपने नाखून और दांत लगाए हैं। इतनी अच्छी चूत की खूबसूरती को खराब कर दिया है। मुझे इतना गुस्सा आया भैया पर की जी कर रहा था की उसे रस्सी से बांधकर उसको कमर कसने वाली बेल्ट से मारूं।


खैर, जो भी हो, मैं मुँह लगाके उनकी चूत चूसने लगा। जैसे ही मैंने अपनी जीभ लगाई, उनका शरीर थोड़ा मुड़ गया और उन्होंने मेरे बाल पकड़ लिए। अपने हाथों से मेरे मुंह को अपनी चूत के ऊपर कसकर ठूस दिया उन्होंने।


भाभी - आज मैं बस वही करूंगी जो तुम चाहोगे। आह आह उह खूब प्यार करो मुझे।


मैं आराम से चूत का जूस पीने लगा। मैने अपनी एक उंगली चूत के अंदर और बाहर की और फिर अपनी उंगली को चाटने लगा। मेरी पैंट के अंदर मेरा लैंड सख्त और सख्त होता जा रहा था। इस बार मैंने अपनी उंगलियों से उनकी चूत के छेद को थोड़ा फैलाया और अपनी जीभ उसके के अंदर रख दी। भाभी तो मानो पागल हो गई। इस तरह 15 मिनट तक अपनी चूत को चूसने के बाद भाभी कांपने लगी और मेरे मुँह के अंदर अपनी चूत का रस छोड़ दिया। मैंने उनका पूरा रस चाट लिया।


भाभी - यह पहली बार है जब तुमने मेरी चूत का रस चूसा है।

अब तुम बिस्तर पर लेट जाओ।

यह कहकर भाभी ने मुझे नीचे धकेल दिया और मेरे ऊपर बैठ गई। भाभी ने मेरी पैंट के बटन खोल दिए। इससे मेरा लंड बाहर आ गया। भाभी ने मेरे लंड का बढ़ता हुआ आकार देखा और कहा-

भाभी - इतना बड़ा और मोटा लंड !!! इससेमेरी चूत फट जाएगी।


इतना कह कर भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया। मेरी आंखें बंद हो गईं। भाभी के मुंह के अंदर गर्मी है। आह, मुझे इतनी खुशी मिल रही थी की मैं वो खुशी अपने लब्सो से बयान नहीं कर सकता। मेरा पूरा लंड अपने मुंह में डालकर भाभी उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। 10 मिनट चूसने के बाद मैंने सोचा कि मैं इस बार भाभी के होठों को चुसूंगा।


मैं - सिमरन भाभी, आइए, हम दोनो किस करते हैं।


भाभी ने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला और अपना मुंह मेरे मुंह के पास लाया। हमने एक दूसरे के होठों को चूसना शुरू कर दिया। 2-3 मिनट के लिए चुंबन के बाद मैंने भाभी से कहा, "भाभी अब मैं और नहीं रुक सकता, मुझे आपकी चूत में अपना लंड डालना है। जल्दी कीजिए।" 


भाभी – तुम मुझे कैसे चोदना चाहते हो? 

मैं – मैं बिस्तर पर बैठ रहा हूं, आप मेरी गोद के ऊपर बैठ जाइए। लेकिन पहले मैं कंडोम पहन लेता हूं, नही तो दिक्कत हो जायेगी।

भाभी – नही उसकी कोई जरूरत नहीं है। मैं गर्वनिरोधक दबाई ले लुंगी।

मैं– ठीक है भाभी, लेकिन याद करके ले लीजिएगा।


इसके बाद भाभी मेरी गोद के ऊपर बैठ गई। मैंने अपने लंड को भाभी की चूत के नीचे रखा और उनकी चूत की ओर धीरे से दबाया। लंड आराम से चूत के अंदर घुस गया।


भाभी - इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने पहले कभी नहीं लिया, इसलिए मुझे थोड़ा दर्द हो रहा है।

मैं- ठीक है मैं थोड़ा धीरे धीरे धक्का देता हूं।


भाभी धीरे से मेरी गोद के ऊपर बैठकर ही अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी जिससे मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर होने लगा। मैंने भाभी की कमर पकड़ ली और धीरे धीरे अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। 5-6 मिनट के बाद भाभी ने कहा, "अब तुम चोदने की रफ्तार बढ़ा सकते हो।" तो मैंने जोर-जोर से अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया और भाभी भी मुझे कस कर पकड़ा और मेरी गोद के ऊपर बैठकही उठक बैठक करने लगी।


वाह, चूत के अंदर इतनी गर्मी है, मानो भट्टी में किसी ने अपना लंड डाल दिया हो। 5 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनको बिस्तर पे सुलाकर उनकी टांगों को पकड़कर उनको चोदा।


भाभी - जोर से करो विवेक, मेरी शादीशुदा चूत को और सताओ। मैं तुमसे और अधिक जोर से चुदवाना चाहती हूं। आह! आह!!! मम्मी!!!

मैने भी चुदाई की रफ्तार तेज कर दी। इस तरह से 8 - 10 मिनट चुदाई के बाद मैंने भाभी को पेट के बल लेट जाने के लिए कहा।


मैं - भाभी, आप पेट के बल लेट जाइए।

भाभी पीछे घूमी और लेट गई। मैं भाभी की गांड के उपर बैठ गया और पीछे से उनकी चूत के अंदर लंड डाल दिया और चोदने लगा।

भाभी - मुझे और प्यार करो। आह आह आह, आज मुझे औरत होने की सारी खुशियां दे दो विवेक।


मैंने भी जोर-जोर से चुदाई करना शुरू कर दिया। भाभी ने बिस्तर के चादर को कस कर पकड़ लिया और मुंह से जोर-जोर से शोर मचाने लगी। मैंने भाभी का कंधा पकड़ा और उसे पकड़कर ही चूत मारने लगा। चोदने की वजह से बिस्तर भी कांपने लगा। थोड़ी देर बाद, भाभी का पूरा शरीर कांपने लगा और उनका फिरसे पानी निकल गया। ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे लंड को कुछक्षण के लिए अंदर से कसकर पकड़ कर लिया और फिर जाने दिया हो। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने फिर से भाभी को जोर से धक्का देना शुरू किया।


मैं भाभी के बालों को अपनी मुट्ठी में भरकर खींच रहा हूं और उन्हें चोद रहा हूं। भाभी इतनी जोर से चिल्लाने लगी कि मुझे मजबूरन उनका मुंह दबा देना पड़ा। 5-6 मिनट की चुदाई के बाद, भाभी ने मुझे अपनी पीठ पर लेट जाने को कहा, मैं उनकी पीठ के ऊपर लेट गया। पोर्न वीडियो में जैसे पीछे से टांगे फैलाकर लड़कियां चुदाई सहती हैं, वैसे ही भाभी भी अपनी टांगो को फैलाकर चुदाई का लुफ्त उठाने लगी और जोर जोर से चीखने लगी। वह इतनी बेहतरीन ढंग से अपनी चूत से मेरे लंड को चूस रही थी कि मैं तब ज्यादा देर तक अपनी मलाई को अपने अंदर नहीं पकड़ कर रख सकता था। इस वक्त घर में सिर्फ चुदाई की और भाभी के मुंह की आवाज है। 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं समझ गया की अब मेरा माल निकल जायेगा।


मैं- भाभी, अब मेरा माल निकल जायेगा। आपको कहां मेरा माल चाहिए?

भाभी - तुम मेरे मुंह के अंदर डाल दो।


मैं भाभी के ऊपर से उठ गया और बिस्तर के ऊपर खड़ा हो गया। भाभी अपने घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड अपने मुंह में डालकर चूसने लगी। वो एकदम बेहतरीन ढंग से पोर्न स्टार की तरह मेरा लंड चूस रही थी। थोड़ी देर चूसने के बाद ही मैंने अपनी साड़ी मलाई भाभी के मुंह में डाल दी। भाभी भी मेरी सारी मलाई निगल गईं और अपनी जीभ से अच्छी तरह मेरा लंड साफ कर दिया। इसके बाद हम दोनों ही बहुत ज्यादा थक चुके थे, इसलिए मैंने भाभी को एक और बार भाभी के होंठ चूमे और फिर उनके दूध के ऊपर अपना सर रख कर सो गया।


कहानी का अगला हिस्सा बोहोत जल्द आएगा।

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