बिपाशा की नई जिन्दगी–२

बिपाशा की नई जिन्दगी–२

गृहिणी की चूदाई कहानी की इस कहानी में मैं आपको बिपाशा नाम की एक गृहिणी की घर की बहु से रंडी बनने की चूदाई कहानी बताऊंगा। घर की बहू से वो बनी रंडी और उसकी चूत ओर गांड चूदाई की गई।

विशेष सूचना : ये कहानी और इसके सारे चरित्र काल्पनिक है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ इनका सादृष्य केवल एक संयोग है।

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बिपाशा की नई जिन्दगी–1

अपने फ्लैट में वापस आकर कुछ समय तक ऐसे ही बैठी रही बिपाशा। आज क्या से क्या हो गया यह उसे बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा था। उसने आज तक राहुल के अलावा किसी और पुरुष के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। मगर आज एक बुड्ढे ने उसका बलात्कार कर दिया। वह अपना यह चेहरा अब कैसे राहुल को दिखाएगी यह सोचकर ही उसका गोरा चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया था।

आज उसे खुद के ऊपर ही बहुत गुस्सा आ रहा था। क्या जरूरत थी उसे ऐसे ही अनजाने आदमी के साथ इतना घुल मिलने की? मगर अब कुछ नहीं हो सकता। कमलेश साहब के पास बिपाशा की वैसी हालत में बहुत सारी फोटो और वीडियो है जिससे उसे आसानी से ब्लैकमेल किया जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने बिपाशा का नंबर भी अपने पास रख दिया है जिससे वह जब चाहे उसे कॉल करके अपने पास बुला सके। फ्रेश होने के लिए बिपाशा बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतार कर शावर के नीचे खड़ी होती है।

उसके पूरे बदन पर कमलेश साहब के मुंह की लार लगी हुई है। इसके मुलायम और गोरे शरीर पर लाल रंग के खरोच के निशान पर गए हैं। कितनी बेरहमी से लूटा है उन्होंने उसे। आज दबाने की वजह से उसके स्तनों पर भी काले रंग के निशान बन गए हैं। उसके गालों में भी थप्पड़ के निशान स्पष्ट है। उसके कूल्हे तो बिल्कुल टमाटर की तरह लाल हो गए हैं। चुत के बालों को लेकर भी उन्होंने बहुत खींचा है। कुछ कुछ जगहों पर चुत बहुत फूल भी गई है। बिपाशा ने अपनी जिन्दगी में कभी इतना अत्याचार सहन नहीं किया था। शावर के नीचे खड़ी होकर वह जोर जोर से रोने लगी।

शाम को फिर से मैसेज किया कमलेश साहब ने की, "रात को मेरे फ्लैट में आ जाना"। वह तो बिपाशा को ऐसे हुकुम दे रहे हैं कि जैसे वह उनके बाप की संपत्ति हो। राहुल ने भी कभी उसके ऊपर ऐसे जोड़ नही दिखाया है। गुस्से से उसका सर गरम हो गया पर वह कुछ नहीं कर सकती थी। इस शैतान की बात अगर उसने नहीं मानी तो क्या हो सकता है यह वह अच्छी तरह से जानती है। इसलिए ना चाहते हुए भी उसने उनकी बात मानने का फैसला किया।

रात में अपने बेटे को सुलाने के बाद वह उनके फ्लैट में गयी। अभी बिपाशा एक स्लीवलैस नाइटी पहनी हुई है। दरवाजा खुला ही था। कमलेश साहब अपने बिस्तर पर बैठ कर एक अंग्रेजी किताब पढ़ रहे थे। बिपाशा को देखकर उन्होंने "आजा जल्दी आजा रंडी" कहकर उसे अंदर आने को बोला। यह बात सुनकर बिपाशा का पूरा बदन जल उठा। इसके बाद उन्होंने किताब रखकर अपनी बनियान और पेंट उतार दि।

अब वह सिर्फ एक भूरे रंग के कच्छे में हैं। इसके बाद उन्होंने अपने बिस्तर पर एक प्लास्टिक की चादर बिछाई और बिपाशा को हुकुम किया कि सामने के कमरे से तेल की बोतल लेकर आ। बिपाशा ने जब वह तेल की बोतल अपने हाथों में ले तब उसे पता चला कि यह तेल की बोतल बहुत महंगी है। इस चीज की वजह से ही शायद उन्होंने अब तक अपनी जवानी को पकड़ कर रखा है।

कमलेश साहब ने अब उसे नंगी होकर अपनी पीठ पर तेल मालिश करने के लिए कहा। कपड़ों पर अगर तेल लग जाए तो उसे कपड़ों से हटाने में बहुत मुश्किल होती है। और वैसे भी बिपाशा ने इससे पहले उनके पास अपना सब कुछ खो दिया है। अब खोने के लिए कुछ बचा ही नहीं। इसलिए उसने अपनी नाइटी उतार दी। कमलेश साहब ने अब अपने एक हाथ से उसकी चूत में उंगली की। दर्द के मारे वह चिल्ला उठी। कमलेश साहब अब छाती के बल बिस्तर के ऊपर सोए और बिपाशा अपने हाथों से उनकी पीठ पर तेल मालिश करने लगी।

पूरी पीठ पर तेल मालिश करने के बाद उन्होंने उसे अपने हाथ पैर दबा देने के लिए कहा। ना चाहते हुए भी बिपाशा ने वही किया। इसके बाद उन्होंने अपना कच्छा उतार दिया। इसके बाद उनके लडं में भी तेल मालिश करने के लिए उसे कहा। बिपाशा के नरम हाथों का स्पर्श पाकर थोड़ी ही देर में कमलेश साहब का लडं खड़ा हो गया और लडं के ऊपर से बूंद बूंद वीर्य बाहर आ रहा था।

अब कमलेश साहब ने बिपाशा को अपने लैंड के ऊपर बैठने को बोला। बिपाशा ने एक भी बात नहीं की और चुपचाप जैसा उन्होंने कहा वैसा ही किया। अब उन्होंने उसे अपने लडं के ऊपर उठक बैठक करने के लिए कहा। बिपाशा ने अपनी आंखें बंद करके धीरे-धीरे उनके लडं के ऊपर उठक बैठक करना चालू किया। अब कमलेश साहब ने उसके दोनों हाथ पकड़ कर एक बार जोर से उसको खींच कर अपनी छाती के ऊपर लाया और नीचे से उसकी चूदाई करने लगे।

बिपाशा इस अचानक हमले के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। उनका बड़ा लडं उसकी नर्म और मुलायम चूत को जैसे फार रहा था। उसके 34 साइज के स्तन कमलेश साहब के तेल लगाए हुए छाती के ऊपर चिपक रहे थे। कमलेश साहब के बदन से उसके बदन में भी तेल लग जा रहा था। उनका तेल और बिपाशा का पसीना एक साथ मिल रहा था।

चूदाई करते करते बिपाशा की नरम पीठ को उन्होंने अपनी उंगलियों से पकड़ा और उसके गाल और होठों को चूमने लगे। कभी-कभी उसके कानों को भी चूम रहे है और कभी कभी उसके होठों को अपने दांतों से काट भी रहे हैं। अपनी जीभ को जबरदस्ती बिपाशा की मुंह में डालकर मजा लूट रहे हैं। उनकी जीभ के साथ बिपाशा की जीभ टक्कर खाकर बिपाशा के पूरे बदन पर मानों बिजली दौड़ रही है।

इन सबके साथ कमलेश साहब की चूदाई तो चल ही रही है। मोटे और काले सांप की तरह कमलेश साहब का लडं बिपाशा की गुफा में घुस रहा है और बाहर निकल रहा है।बिपाशा को पता नहीं है और कितनी देर यह खेल चलता रहेगा। उसके शरीर पर अब उन्होंने तो अपने दातों से काटना शुरू किया हैै। दर्द के मारे हो बिपाशा की आंखें बंद हो रही है।

अचानक कमलेश साहब का फोन बज उठा। बिपाशा को चोदते चोदते ही उन्होंने अपना फोन उठाया

- हेलो आशीष कैसे हो?

फोन की दूसरी तरफ रहे आदमी ने क्या कहा यह बिपाशा को सुनाई नहीं दिया। 

–अरे नहीं नहीं अभी तक नहीं सोया एक रंडी को चोद रहा हूं अभी। 

–अरे नहीं नहीं सड़क की रंडी को मैं अपने घर में नहीं लाता। यह मेरी पर्सनल रंडी है। बाजू के फ्लैट में रहती है। 

–हां इसे तुम मेरी दासी भी कह सकते हो। उसका पति घर में नहीं रहता। इसलिए मैं ही उसकी चूत का दर्द मिटाता हूं। क्या बात करोगे, अरे कोई बात नहीं। रुको अभी दे रहा हूं।

कमलेश साहब ने अब बिपाशा की तरफ देख कर बोला, " सुन रंडी मेरा दोस्त तेरे साथ सेक्स करना चाहता है। अगर तूने उसे अच्छी सर्विस नहीं दिया तो मैं तेरी गांड में लोहे का रोड डाल दूंगा।" इसके बाद मोबाइल बिपाशा के हाथ में दिया। इतने अपमान की वजह से बिपाशा की आंखों में आंसू आ चुके थे। बहुत मुश्किल से लडं के ऊपर बैठकर ही उसने कहा 

– हेलो कौन? 

दूसरी तरफ रहे आदमी ने उससे कहा 

–तुम्हारा नाम क्या है मेरी जान। 

–बिपाशा 

उन्होंने कहा 

–कमलेश की चूदाई तुम्हें अच्छी लगती है?

शर्म के मारे बिपाशा चुप हो गई। उसे चुप रहता देख अंग्रेजी पोर्न की तरह उसके कूल्हों पर खींच के थप्पड़ लगाया कमलेश साहब ने। थप्पड़ खाने के तुरंत बाद ही उसके गोरे कूल्हे लाल हो गए। थप्पड़ खा कर अपनी शर्म और हया सब कुछ भूल कर उसने कहा 

–हां अच्छा लगता है, बहुत अच्छा लगता है।

–उनका लडं बहुत मोटा है। मुझे बहुत आराम मिलता है।

मेरे पति का उनकी तरह इतना बड़ा नहीं है। उनके लडं की ताकत भी बहुत ज्यादा है।

–मेरे पति मेरी अच्छी चूदाई नहीं कर पाते।

–मैं उनकी रंडी हूं, वह जब चाहते हैं तब मुझे चोदते हैं। उन्होंने मुझे मेरे बेटे के सामने भी चोदा है।

–मेरे स्तनों का साइज 33, कमर 28 और मेरे कूल्हे 34 है।

–हां हां जरूर अगर आप चाहें तो मैं आपको भी मेरी चूत की चूदाई करने दूंगी।

–हां आपको मैं अपनी गांड भी मारने दूंगी।

–नहीं उन्होंने अभी तक मेरी गांड नहीं मारी।

–हां मैं आपका लडं भी चूस दूंगी।

–अच्छा ठीक है गुड नाइट

बिपाशा ने अब फोन कमलेश साहब को दिया। कमलेश आपने फोन अपने कान में लेकर कहा 

–कैसा लगा? हां हां पता है बहुत ही अच्छी रंडी है अरे मेरी पसंद है समझो ना। अच्छा अच्छा गुड नाइट।

इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया। इतनी देर तक बात करने के लिए कमलेश साहब धीरे-धीरे उसे चोद रहे थे। अब बात खत्म होने के तुरंत बाद ही उन्होंने उसे अपनी छाती के ऊपर जमकर पकड़ा और जोर-जोर से चोदना चालू किया। इसके 2 मिनट बाद ही उसकी चूत में अपनी सारी मलाई डाल दी।चूत में माल गिरते ही बिपाशा चौंक गई।

–यह आपने क्या किया? अंदर क्यों डाल दिया? अगर मैं गर्भवती हो गई तो?

–गर्भवती होगी तो होने दो। तेरे बच्चे की पूरी जिम्मेदारी मैं लूंगा। तेरा पति भी तो देखें कि तूने दूसरे की चूदाई खाकर अपना पेट बनाया है। बिपाशा चुप हो गई, कल ही एक आईपील लेना पड़ेगा। इस जानवर के साथ बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है।

अब कमलेश साहब बाजू के घर से एक बड़े शैंपू का बोतल ले आए। शैंपू का बोतल देखकर बिपाशा दंग रह गई। अब इस शैंपू से क्या होगा? कमलेश साहब ने वह बोतल बिपाशा की तरफ फेंकी और खुद एक कुर्सी पर जा कर बैठ गये। इसके बाद कहा, "यह तेरी चूत में घुसा"।

यह आदमी क्या कह रहा है? पैंटिन शैंपू की बोतल है। कुछ हद तक काले लडं की तरह दिखती है। लंबाई में करीब 9 इंच तो होगी ही, इससे ज्यादा भी हो सकती है। इसके ऊपर काफी मोटा है। बिपाशा अपनी आंखें बड़ी करके उस चीज को देखने लगी। कमलेश साहब अब गुस्से में आकर कहे, "तुझे बोला ना कि इस चीज को अपनी चूत में डालने को। देख अगर तूने मेरी बात नहीं मानी तो मैं तुझे कुछ कहूंगा नहीं, सीधा जाकर वह चीज तेरी चूत में डाल दूंगा। तब देखना मजा।

बिपाशा ने थोड़ी देर सोचा। कमलेश साहब का जबरदस्ती से यह चीज उसकी चूत में डालने के बजाय उसका खुद ही अपनी चूत में इसे डालना बेहतर होगा। कमलेश साहब जो करेंगे वह होगा अत्याचार। इसलिए उसने वह खुद ही अपने हाथ में उठा लिया। इसके बाद दोनों पैरों को ऊपर उठा कर अपनी चूत का छेद बड़ा करके उसके अंदर डालने लगी। शैंपू की बॉटल चूत के छेद के अंदर घुस रही है, कमलेश साहब ने बोला और अंदर घुसा।

शैंपू की बोतल को उसने और थोड़ा जोड़ दिया। अपनी आंखें बंद करके बिपाशा ने अपनी चूत के छेद के अंदर शैंपू की बोतल घुसा दी। कमलेश साहब कुर्शी में बैठकर यह तमाशा देख रहे थेे। फिर कमलेश साहब उसके पास आकर जबरदस्ती उसकी चूत के अंदर करीब आधी बोतल घुसा दी । दर्द के मारे चीख उठी बिपाशा। इसके बाद बिपाशा का एक पैर पकड़ कर बोतल का इस्तेमाल करके उसे चोदने लगे। तकरीबन 5 मिनट के बाद जब उन्होंने वह बोतल निकाली तब वह बोतल कमलेश साहब का वीर्य और बिपाशा के चूत के रस से लिपटा हुआ था।

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बिपाशा की नई जिन्दगी–3

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