बिपाशा की नई जिन्दगी-१

बिपाशा की नई जिन्दगी-१

गृहिणी की चूदाई कहानी की इस कहानी में मैं आपको बिपाशा नाम की एक गृहिणी की घर की बहु से रंडी बनने की चूदाई कहानी बताऊंगा। घर की बहू से वो बनी रंडी और उसकी चूत ओर गांड चूदाई की गई।

विशेष सूचना : ये कहानी और इसके सारे चरित्र काल्पनिक है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ इनका सादृष्य केवल एक संयोग है।

बाजू के फ्लैट में नए आए हैं ये सज्जन। उमर पचास के आसपास है। अकेले ही रहते हैं। उस फ्लैट में पहले जो पति और पत्नी रहते थे वह लोग अब किसी दूसरी जगह पर रहने चले गए हैं। मोबाइल में यही सब छोटी मोटी बातें हो रही थी बिपाशा अपने पति राहुल के साथ। राहुल अभी केरला में है, साल में दो चार बार यहां आता है। इसलिए कोलकाता के इस फ्लैट में अपने बेटे बिकाश को लेकर अकेले ही रहती है बिपाशा। बातें हो जाने के बाद अपने बेटे को लेकर बालकनी में चली गई वह। विकाश अभी छोटा है, अभी भी ठीक से बातें करना भी नहीं सीखा उसने।

अपने फ्लैट की बालकनी में खड़े होकर रविवार के दिन के अंत की मीठी धूप अपने बदन में लगा रहे थे वह दोनों। बाजू के फ्लैट की बालकनी में वहीं नए सज्जन एक कुर्सी लेकर ऐसे ही बैठकर दिन के अंत के मजे ले रहे थे। उन दोनों को देखकर उन्होंने उनसे मुलाकात करने का फैसला किया। इन जनाब का नाम कमलेश था, हाल ही में उन्होंने रिटायर किया था। उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई है और उनका बेटा दिल्ली में है। इसलिए फ्लैट में वह अकेले ही रहते हैं।

यह सज्जन बूढ़े हो गए हैं पर अभी उन्हें काफी जवानी बाकी है। उनका बदन देख कर ऐसा लगता है कि मानो बहुत ताकत हो, और उनके सर के बाल भी बस थोड़े-थोड़े ही पके हैं। बहुत घुल मिलकर सब से बात करते हैं। कमलेश साहब बिपाशा से उम्र में काफी बड़े हैं, इसलिए बिपाशा ने उनको चाचा कहकर पुकारा। यहां तक की शाम को उन्हें अपने घर में चाय पीने के लिए भी बुलाया।

शाम को ७:०० बजे के आसपास नए चाचा बिपाशा के घर में आए। आते वक्त वह अपने साथ मिठाई और विकास के लिए खिलौने लेकर आए थे। थोड़ी बातचीत करने के बाद उन्होंने कहा कि, " अगर तुम्हें काम करने में कोई तकलीफ हो तो विकास को कभी कभी मेरे पास छोड़ सकती हो, मैं अपने फ्लैट में अकेला ही रहता हूं"। यह बात बिपाशा को अच्छी लगी। इतने छोटे बच्चे को लेकर घर के सारे काम करना बहुत मुश्किल होता है। अगर वह इनके पास उसे रख कर आए तो उसको घर के काम करने में बहुत आसानी होगी। इसलिए उसने उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार किया।

दूसरे दिन सुबह वह अपने बेटे को नहला कर और खाना खिला कर कमलेश साहब के घर में रखकर आई। इसके बाद अपने घर के सारे काम खत्म करके खुद भी नहा लिया। काम करते-करते एक दो बार वह अपने बेटे को देख कर आई। उसने देखा कि उसका बेटा अपने नए दादाजी के साथ खेलने में खोया हुआ है। घर पर अकेले होने की वजह से बिपाशा के घर के सारे काम बहुत जल्दी खत्म हो गए थे। इसलिए उसने बहुत दिन बाद अच्छे से बहुत वक्त लगाकर नहाया। फिर इसके बाद कपड़े पहन कर अपने बेटे को लाने कमलेश साहब के घर में गई। उसने जाकर देखा कि उसका बेटा खेलते खेलते थक कर सो गया था और कमलेश साहब अखबार पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि, " जब वह सो ही गया है तो उसको उठाने की जरूरत नहीं। तुम कुछ देर तक यहीं रह जाओ रुक जाओ। जब वह उठेगा तब उसको लेकर अपने घर चली जाना।

अचानक ही कमलेश साहब की दृष्टि उसके ऊपर पड़ी। बिपाशा की अभी अभी नहाए हुए पूरे बदन पर उसकी सुंदरता दिख रही थी। अच्छे से पहनी हुई साड़ी, भीगे बदन पर लाल रंग के ब्लाउज के अंदर से उसके ब्रा दिख रहे थे। लाल रंग की बिंदी और सिंदूर ने तो उसकी सुंदरता पर चांद चांद लगा दिया था। उसके संतरे की तरह होंठ बार-बार कमलेश साहब को अपनी तरफ आकृष्ट कर रहे थे। कमलेश साहब एक बार अपनी जीभ से अपने होठों को चांटा और उसे बैठने को कहा। फिर उसके बाद उन्होंने जाकर दरवाजा बंद कर दिया।

उनके ऐसे बर्ताव से बिपाशा थोड़ी आश्चर्य हुई। अचानक से उन्होंने दरवाजा क्यों बंद कर दिया? यह बात उन्हें पूछते ही कमलेश साहब ने थोड़ा हंस कर बताया तुम्हारी चुदाइ करने के लिए।

इसके बाद अचानक ही कमलेश साहब ने आगे आकर बिपाशा का हाथ पकड़ा। चाचा के ऐसे बर्ताव से उसकी बोलती बंद हो गई थी। उसने कहा कि, "देखिए आप मेरे पिता के समान हैं, कृपा करके आप मेरे साथ कुछ मत कीजिएगा, यह करना पाप है। आप मुझे छोड़ दीजिए। कमलेश साहब ने बोला छोड़ने के लिए तो मैंने तुम्हें नहीं पकड़ा मेरी जान। तुम्हारी चुदाइ करने के लिए ही तो मैंने यह षड्यंत्र किया है।

अपनी बात खत्म करने के बाद ही उन्होंने बिपाशा की साड़ी को कस कर पकड़ा और उतारना चालू किया। अब सब कुछ भूल कर बिपाशा ने अब उन्हें एक थप्पड़ मारा।थप्पड़ खाने के बाद कमलेश साहब बहुत गुस्से में आ गए। एक बार खींचकर ही उन्होंने बिपाशा का ब्लाउज फाड़ दिया। ब्लाउज के अंदर से उसका ब्रा बाहर निकल आया। इसके बाद कमलेश साहब ने उस फटे हुए ब्लाउज को लेकर उसके हाथों में बांध दिया और उसे उठाकर सोफा में जा कर रख दिया।

इसके बाद ब्रा के ऊपर से ही जानवरों की तरह उसके स्तनों को दबान लगे। बिपाशा बार-बार उनके हाथों से खुद को छुड़ाने की कोशिश करती रही पर कुछ फायदा नहीं हुआ। कमलेश साहब इस बार कैंची लेकर आए और उसका ब्रा काट दिया। इस बार बिपाशा के ३३ साइज के स्तन बाहर आ गए थे। कमलेश साहब ने अपना मोबाइल लाकर इस हालत में उसकी कुछ तस्वीरें ली और उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ भी बताया तो वह इन तस्वीरों को हर जगह फैला देंगे।

शर्म से लाल हुई बिपाशा सोफे के ऊपर पड़ी हुई थी और अपने सोने की तरह गोरे स्तनों को अपने हाथों से कैसे भी करके छुपाने की कोशिश कर रही थी। मांग में जो सिंदूर था वह इधर-उधर हो गया था और गीले बाल उसकी नंगी पीठ के ऊपर फैले हुए थे। ऐसी हालत में यह तस्वीरें कितनी कामुक हो सकती है यह बिपाशा को पता था।

कमलेश साहब ने अब अपने मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग चालू करके एक जगह पर रख दिया और इसके बाद अपनी लुंगी उतार दी। लूंगी उतारते ही उनका लडं बाहर आ गया।

सात इंच का बड़ा लडं है कमलेश साहब का। और बहुत मोटा है। कैसे इस लंड को अपने अंदर लेगी यह सोचकर ही बिपाशा के रोंगटे खड़े हो गए थे। इससे पहले राहुल ने उसे काफी तरह से चोदा था। पर राहुल का लडं इतना बड़ा और मोटा नहीं था। और इसके अलावा उसने राहुल को अपनी मर्जी से उसको चोदने दिया था। और राहुल को भी यह पता था की कैसे चुदाइ करने से बिपाशा को अच्छा लगता है।

पर यह जानवर अपनी तरह से उसको लूटेगा यह पता है। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और ईश्वर के पास प्रार्थना करने लगी। मगर उसकी फूटी किस्मत, कोई नहीं आया उसे बचाने। कमलेश साहब ने अब उसकी सारी को उसके घुटनों के ऊपर उठा दिया, इसके बाद बिपाशा के छोटे छोटे बालों से भरे जांघों को अपने मर्दानी हाथों कस कर पकड़ा। ऐसी हालत में बिपाशा चिल्लाना भी भूल गई, उसने कमलेश साहब को लात मारने की कोशिश की मगर इसका फल हुआ उल्टा। कमलेश साहब ने बिपाशा को खींचकर एक थप्पड़ मारा और उसका गोरा चेहरा लाल हो गया। उसकी आंखों में पानी आ गया था।

थप्पड़ खाने के बाद बिपाशा समझ गई थी की इनके हाथों से अब उसका बचना नामुमकिन है। बेहतर यही होगा कि वह जैसा कहें यह वैसा ही करे। उसने एक बार अपने सोए हुए बच्चे की तरफ देखकर आंसू टपकाए। कमलेश साहब अब उसके स्तनों को लेकर खेल रहे हैं। बचपन से ही बिपाशा बहुत खूबसूरत है कॉलेज में पढ़ते वक्त बहुत सारे लड़के उसके प्यार मे दीवाने थे।

मगर उसने उन सब के प्यार को ठुकराया था। अच्छे स्तन और स्लिम पेट वाले ३३-२८-३४ के फिगर को उसने अभी तक संभाल कर रखा है। मगर उसे ऐसे एक जानवर का शिकार बनना पड़ेगा यह उसने कभी नहीं सोचा था। यह शैतान जो भी कर ले वह चुप रहकर ही इसका विरोध करेगी। कमलेश साहब अब उसके एक स्तन को अपने मुंह में लेकर चूसने लगे और दूसरे स्तन को अपने हाथ से दबा रहे थे। इस वक्त बिपाशा को बहुत दर्द हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसके स्तन गुब्बारे की तरह फूट जायेंगे।

कमलेश साहब की जीभ उसके स्तन के चूची के आसपास घूम रही है। आहहहह! कमलेश साहब उसके स्तन को अपने दांतों से काट रहे हैं, और दूसरा स्तन तो दबाने की वजह से बहुत दर्द कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे समय बीत ही नहीं रहा है। और उस तरफ इस घटना की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग हो रही थी।

अब कमलेश साहब ने बिपाशा के हाथ खोल दिये और धीरे-धीरे अपनी जीभ को उसके स्तन से नीचे की तरफ लाने लगे। बिपाशा के मुलायम पेट के ऊपर कमलेश साहब की जीभ खेलने लगी। जीभ से चाटते चाटते उन्होंने उसकी नाभि को भी चाटना शुरू किया और उसकी नाभि को अपने मुंह के लाल से भर दिया। इसके बाद अपने दोनों हाथों से उसकी चूची को पकड़कर मरोड़ने लगे।

उनके अभी क्या हाथ उनके तजुरबे वाले हाथ और जीभ का स्पर्श पाकर बिपाशा ना चाहते हुए भी धीरे-धीरे अपने आप को उन्हें सौंप रही थी। अब कमलेश साहब ने उसके होंठ अपने पास लाए और चूमने लगे और उसके होठों को अपने दांतों से काटने लगे। दर्द के मारे बिपाशा ने अपनी आंखें बंद कर ली। मगर वह कुछ भी नहीं कर सकती थी। कमलेश साहब उसको पूरी तरह से लूटने के बाद ही उसे छोड़ेंगे यह उसे पता चल गया था।

अब कमलेश साहब ने बिपाशा की सारी और पेटीकोट उतार दी। अब बिपाशा सिर्फ पेंटी पहनी हुई थी। उन्होंने जोर से थप्पड़ मारा बिपाशा के कूल्हों में। दर्द के मारे वह चिल्लाई अहह। अब कमलेश साहब ने उसकी चुत देखी। घने काले बालों से घिरी हुई जगह में उसकी चुत थोड़े भूरे रंग की थी। चुत के ऊपर एक बार उंगली घुमा कर उन्होंने वह अपने मुंह में डालकर उसकी चुत का रस चखा। इसके बाद जीभ से चाटने लगे। बिपाशा की पूरी शरीर में जैसे बिजली दौड़ रही थी। उसने अपनी आंखों से पानी टपकाते टपकाते चुत का पानी छोड़ दिया।

इसके बाद उन्होंने अपना मोटा और बड़ा लंड बिपाशा की चुत में डालने के लिए आगे लाया। इतने वक्त से इस चीज का ही डर सता रहा था बिपाशा को। इतना मोटा लंड उसकी चुत में कैसे घुसेगा यह सिर्फ ईश्वर ही जानते हैं। ऐसी हालत में भी उसने कमलेश साहब को बताया कि, " कृपया करके आप वह चीज मेरे अंदर मत डालिए। अगर वह मेरे अंदर गया तो मेरी चुत फट जाएगी।

कमलेश साहब ने अब उसके बालों को कस के पकड़ा और कहा कि, " तुझे देखने के बाद ही कैसे तेरी चुत में अपना लंड डालूंगा यह सोच रहा था। इसलिए मैं आज तेरी कोई बात नहीं सुनूंगा।"

बिपाशा जानती थी कि ऐसा ही होगा। इसलिए मन ही मन में वह चुदाइ के लिए तैयार होने लगी। कमलेश साहब ने अब अपने लंड में थोड़ी लाल लगाई और बिपाशा की चुत में डाल दी। बिपाशा आइइइइ करके चिल्ला उठी।

इससे पहले बिपाशा ने कभी इतना मोटा लंड अपनी चुत में नहीं लिया था। उसने पूरी कोशिश की कि जितना हो सके अपनी चुत के छेद को बड़ा करने की, मगर इतने बड़े लंड के सामने इतना छोटा छेद कुछ भी नहीं था। उनका लंड जैसे उसकी चुत में जमकर अटक गया था। पहली बार राहुल के साथ करते वक्त भी इतना दर्द उसे नहीं हुआ था। कमलेश साहब अब उसके स्तनों को अपने हाथों से पकड़ कर मिशनरी स्टाइल में उसको चोदने लगे।

बिपाशा अब सोफे में सोकर कमलेश साहब का यह अत्याचार सहने लगी। उसने अपनी आंखें बंद कर ली थी। कभी-कभी वह उसकी चूची को अपने नाखूनों से दबा रहे थे, इससे उसको बहुत दर्द हो रहा था। लगभग आधे घंटे तक यह अत्याचार सहने के बाद कमलेश साहब ने उसकी चुत में अपना सारा वीर्य डाल दिया और थक्कर बिपाशा को छोड़ दिया। बिपाशा तो जैसे बाल बाल बची। अचानक उसने देखा कि उसका बेटा नींद से उठ चुका था और उन दोनों की तरफ देख रहा था। उसकी जो उम्र है वह यह सब क्या हो रहा है नहीं समझ सकता। मगर बिपाशा को बहुत शर्म आ रही थी। कमलेश आपने अब बिपाशा को एक बार अच्छे से चुमा और कहा कि, "आज के लिए सिर्फ इतना ही, अब घर जा। बाद में जब बुलाऊंगा तब चली आना।"

बिपाशा ने अपना सर झुका कर उन्हें हां कहा और अपने कपड़े पहन लिए। इसके बाद अपने बेटे को लेकर अपने फ्लैट में लौट गई। 

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बिपाशा की नई जिन्दगी–2

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