शादी में जाकर हुई मेरी चुदाई-हिंदी चुदाइ कहानी

शादी में जाकर हुई मेरी चुदाई-हिंदी चुदाइ कहानी

कच्ची लड़की की चुदाई कहानी की इस कहानी में मैं आपको बताएंगे की कैसे एक घमंडी लड़की की शादी में जाकर जंगल में जबरदस्त चुदाई हुई। उसकी चूत और गंद दोनों को फोड़ दिया गया। ये कहानी आप उस लड़की की जुबानी से ही पड़ लीजिए।

विशेष सूचना : ये कहानी और इसके सारे चरित्र काल्पनिक है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ इनका सादृष्य केवल एक संयोग है।

मुझे शादी के घर की हलचल बहुत पसंद थी, भले ही मैं मेहंदी की रात अपने रिश्तेदारों की सभी शादियों में मौजूद थी, लेकिन मेरे करीबी कई लोग मुझे उनकी शादी की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए आमंत्रित करते थे। मेरे लिए उस शादी का नाम कहना मुश्किल है जिसमे मुुझे आमंत्रण मिली थी लेकिन मैं नहीं गई। यहां तक कि अगर परिवार में कोई और नहीं गया, तब भी मैं जाती थी, लेकिन अगर परिवार में किसी ने भी मना किया, तो उन्हें मेरी जिद की वजह से मजबूर होना पड़ता था। शादी की खूबसूरत रात में, मै गाना गाती थी, भले ही मैं एक अनुभवी कलाकार नहीं थी, मैंने नृत्य भी किया भले ही मैं बहुत अच्छी डांसर नहीं थी। दर्शकों को मेरा डांस बहुत पसंद आता था। मेरी डांसिंग फैक्टर वास्तव में फैक्टर नहीं है, मेरा शरीर, मेरी गांड, मेरे स्तन, जब मैं नाचती हूँ, तो हर कोई मेरी गांड और दूध को देखता है और मेरी तरफ एक लालची नज़र से देखता है। कुछ लोग कहते हैंं कि मेईरी पन्ना ने ऐसा नृत्य नहीं देखा था ... उन्होंने कहा, मैं समझ गयी कि अगले शब्द क्या हो सकते हैं, लेकिन मैं कहती हुं कि यह कैसा लग रहा था, लेकिन कुछ लोग सिर्फ प्रशंसा के साथ अपनी जीभ चाटेंगे।

दोस्त की मम्मी ने मुझसे अपनी गांड मरवाई

दोस्त की मम्मी ने मुझसे अपनी गांड मरवाई

इन टिप्पणियों और उनकी जीभ को चाटने से मुझे बहुत प्रोत्साहन मिलती थी और मेरे मन में अहंकार आ गया। मैं एक स्वार्थी लड़की बन गई थी, मैं सभी को शरीर की आग में जला दूंगी। मैंने उनकी बिल्कुल भी परवाह नहीं की। अगर किसी ने गार्जियन को बताया, तो वे कहेंगे, "अरे हमारी बेटी अभी छोटी है, लोग ऐसा करते हैं, जैसे-जैसे वो बड़ी होती जाएगी, यह बेहतर होती जाएगी।" उस दिन, मेरी एक रिश्तेदार ने उनको मुह के उपर कहा, क्या अभी भी स्नातक की कक्षा में पड़ने वाली एक लड़की छोटी हो सकती है? माँ ने जवाब दिया, "सभी लड़के और लड़कियाँ शादी होने तक बच्चे ही बने रहते हैं। तुमको इससे क्या मतलब है।" थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद उन्होंने कहा कि मैै क्या कहूं? आप अपने माल का ख्याल रखें। एक दिन मैं देखूंगी कि इस बुरी लड़की के साथ क्या होता है?

मेरी चचेरी बहन की शादी थी, हम हल्दी के साथ लड़की के पक्ष में दूल्हे के घर गए, दो पुरुष और आठ महिलाएं दूल्हे के घर पर कार ले गईं, उन्होंने शरीर पर पीले रंग लगाने की रसम के लिए बहुत व्यवस्था की है प्राप्त, स्वागत के अंत में हम सभी ने दूल्हे के शरीर पर पीले रंग का उद्घाटन किया, फिर गीत और नृत्य शुरू किया, दूल्हे की पार्टी के लोगों ने शहर के कुछ छोटे पेशेवर गायकों और नर्तकों को गाने के लिए काम पर रखा, उनके गीत और नृत्य ने पूरे गांव को हिला दिया, ऐसा लगता है कि शादी का कोई मौहोल नही बल्कि एक नाटक का आयोजन किया हुुआ हैै। मुझे डांस करने की ज्यादा इच्छा नहीं हो रही थी, उनमें से कुछ मेरी तरफ थे, दूल्हे के छोटे भाई ने कहा, "साली मैंने अपने साथियों से सुना है कि आप गाती हैं और अच्छा डांस करती हैं। कृपया आज हमें थोड़ा दिखाएं।" यह सुनकर मैं खुश हो गई और मैंने गाना गाया और नृत्य किया।

समारोह के अंत में, हमारी विदाई की पूर्व संध्या पर, हम सभी समापन समारोह में एक मंडली में बैठे थे। दूल्हे का छोटा भाई और उसके कई दोस्त मेरे आस-पास बैठे थे। एक दोस्त ने कहा कि आपने जैसे डान्स किया और अपनी कमर नचाइ मुझे तोह जी कर रहा था कि आपको गले लगाकर कुछ करूं। मैं इतने लोगों के सामने उनकी बातों से शर्मिंदा थी, लेकिन शर्मिंदगी निराशाजनक नहीं है, लेकिन मैंने अपनी शर्मिंदगी को बड़ी मुस्कुराहट के साथ छिपाया और कहा कि आप बहुत मजाकिया व्यक्ति हैं, आप ईमानदारी से बिना शर्म के अपनी इच्छाओं को बता सकते हैं, मुझे ऐसे लोग बहुत पसंद हैं। वह और तलत भाई मेरे शब्दों को लेकर बहुत उत्साहित थे। दूल्हे के छोटे भाई ने कहा, "साली, मुझे आपके स्तन बहुत पसंद है और आप अपनी गांड को ऐसे हिलाती हैं कि मैं क्या बताऊं मेरे पास कोई भाषा नहीं है।"

आप बहुत कामुक हैं, हमारी गांड और स्तनों को देख कर आप बस एक भूखे कुत्ते की तरह लार टपकाते रहेंगे और दोनों हाथों में उस लार को पोंछ कर फिर से अपने कपड़ों पर रख देंगे, लेकिन आप हमें कभी छु नही पाएंगे, आप लोग समझिए, मैंने कहा। मेरे शब्दों में उनके चेहरे को देखकर, मैं समझ गयी कि उन लोगो को काफी बुरा लगा था। पास से एक दोस्त ने कहा कि एक को तो कल लेे आएंगे, और परसु से उसके साथ क्या होगा वह तोह आपको शायद पता ही होगा। मैने गुस्से मे उनसे कहा, मुझे यहाँ लाने वाला कोई नहीं है। दिन की बातचीत और चुटकुलों के अंत में, हमने अलविदा कहा। आगमन पर, दूल्हे के छोटे भाई ने मुझे विशेष रूप से खाना खाने के दिन आने के लिए आमंत्रित किया।

हमारे समाज के नियमों के अनुसार शादी के दूसरे दिन दूल्हे के घर में दूल्हा और दुल्हन दोनों के घर को मिलाकर करीब ६० से ७० लोग खाना खाने के लिए जाते हैं। इसी हिसाब से दूसरे दिन हम लोग दूल्हे के घर गए। हमें जाने में दोपहर के करीब १२ बज गए और २ बजे के आसपास हमने अपना खाना पीना खत्म किया। पर घर जाने से पहले शाम होगी इस बारे में मैं निश्चित थी।

दूल्हे के छोटे भाई ने मुझे उसके साथ जाने के लिए बोला।उसने कहा कि, "आपको घर जाने में शाम हो जाएगी तो तब तक हम लोग घर की पश्चिम दिख पर समुद्र तट से घूम आते हैं। मैंने कहा यह कितनी दूर है, तो उसने कहा कि ज्यादा दूर नहीं है, बस आधा माइल। मैंने यह भी पूछा कि कौन-कौन जाएगा तो उन्होंने कहा कि आप किस-किस को अपने साथ ले जाना चाहेंगी उनको बता दीजिए। उन्होंने यह भी कहा कि आप इतनी खूबसूरत है कि आप की रखवाली के लिए चार पांच लोगों की जरूरत है। मैंने सिर्फ अपनी बहन हेमा को मेरे साथ लिया वह चार लोग और हम दोनों एक साथ चलने लगे। ज्यादा देर नहीं लगी बस २० मिनट में हम लोग समुद्र के किनारे पहुंच गए।

चलते चलते हम लोग कब घने जंगल के अंदर घुस गए मुझे इस बात का पता ही नहीं चला। मुझे इतना डर नहीं लग रहा था क्योंकि हम दोनों के साथ ४ लड़के थे। यहां पर हमारे साथ कुछ गलत हो सकता है इस इस बारे मे मैं बिल्कुल ही अनजान थी। जंगल के अंदर से थोड़ी दूर चलने के बाद पता नहीं कैसे मैं मेरी बहन से अलग हो गई। दो लड़के मेरे साथ थे और बाकी दो लड़के थे हेमा के साथ। कुछ दूर जाने के बाद मुझे हेमा की याद आई मैं उसे ढूंढने लगी, मुझे हेमा को ढूंढते देख दूल्हे के भाई ने मुझसे कहा कि, "आप चलना मत रोकिए आपकी बहन मिल जाएगी और आपको इतनी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मेरे दोनों दोस्त उनके साथ हैं"।

दूल्हे के भाई ने मुझसे पूछा कि आपको इतना खूबसूरत नाम किसने दिया है। मैंने बोला किसीने नहीं बस मेरे पिताजी और मेरी माताजी ने। यूं ही बातें करते करते हम लोग चलने लगे। कुछ दूर जाने के बाद दूल्हे के भाई के दोस्त ने कहा कि मुझे बहुत जोर से पेशाब आई है। वह दोनों मेरे ही सामने पेशाब करने लगे। उन दोनों को देखकर मुझे बहुत शर्म आ रही थी। तो मैं वहां से दूर जाने लगी। दूल्हे के भाई ने मुझसे कहा कि आप दूर मत जाइए आपको लोमड़ी पकड़ लेगी।

उन दोनों के लडं को मैंने अपनी आंखों से देखा, उनका लडं बहुत ही बड़ा था। उन दोनों लड़कों में से एक का नाम था सुमन और दूसरे के नाम था हरी। दूल्हे के भाई का नाम सुमन था। उन दोनों के लडं को देखकर मैं बहुत डर गई। मैंने उन दोनों से कहा कि चलिए हम लोग यहां से जल्द से जल्द निकलते हैं और हेमा और बाकियों को ढूंढते हैं। यह बात सुनकर हरि मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा, "इतनी भी क्या जल्दी है जानेमन, अभी तो खेल बस शुरू ही हुआ है "। मैंने कहा यह कैसी गंदी बातें कर रहे हैं आप मेरे साथ। इसके बाद वह मेरे और पास आकर पीछे से मेरे स्तनों को पकड़ कर दबाने लगा। मैंने अपनी पूरी ताकत से उसको दूर धकेलने की कोशिश की, पर मैं उसको दूर धकेल नहीं पाई।

जोर से चिल्लाकर मैंने सुमन को बुलाया। सुमन दौड़ के आया और मेरे गालों को चूमने लगा। मैंने और जोर से चिल्ला कर हेमा को बुलाया। सुमन ने कहा, "हेमा को बुलाकर कोई फायदा नहीं है क्योंकि उसकी तो अब तक अच्छे से चदाइ हो रही होगी। यह बातें सुनकर मैं समझ गई कि आज मैं बुरी तरीके से फंस चुकी हूं।

सुमन ने मुझे गले लगाया और मेरे मुंह के अंदर अपनी जीभ डाल कर मुझे चूमने लगा। मैं बाते नहीं कर पा रही थी, बस मेरी मुंह से आवाजे निकल रही थी। उस तरफ हरी ने मेरे स्तनों को दबा दबा कर भरता बना दिया था। मुझे अपने स्तनों में बहुत दर्द हो रहा था। इसके बाद हरि ने मेरी कमीज उतारकर मेरे स्तनों को अंदर से बाहर निकाल लिया।

मेरे स्तनों को सुमन और हरी एक साथ चूसने लगे। पर पता नहीं क्यों मुझे आज बिल्कुल मजा नहीं आ रहा था। असल में मैं बहुत ही कामुक लड़की थी। इससे पहले मैंने बहुत सारे लड़कों के साथ योनसंगम किया था। पर आज यह लोग मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे थे। अपनी पूरी ताकत लगाकर मैंने उन दोनों को खुद से दूर कर दिया। उसके बाद मैं दौड़ने लगी दौड़ते दौड़ते मैं हेमा का नाम पुकारने लगी।

वह लोग भी मेरे पीछे मुझे पकड़ने के लिए दौड़ने लगे। तकरीबन ३ से ४ मिनट दौड़ने के बाद मैंने हेमा और बाकियों को देखा। मैं और जोर से दौड़ कर हेमा के पास आकर रुक गई। मैंने जो देखा उसको देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे। मैंने देखा कि मिट्टी के ऊपर हेमा छाती के बल लेटी हुई थी, उसके बदन के ऊपर कुछ भी कपड़े नहीं थे। वह बिल्कुल नंगी थी। पीछे से उन दोनों में से एक ने हेमा की गांड में अपना लडं डाला था और दूसरे ने सामने से हेमा की चुत में अपना लडं डाला था। वह दोनों मेरी बहन की दोनों तरफ से चुदाइ कर रहे थे। और हेमा भी जुदाई के नशे में आकर आह उइ उइइइ करके अपने मुंह से आवाजे निकाल रही थी। उन तीनों में से किसी ने भी मुझे आते हुए नहीं देखा। इतने ही वक्त में सुमन और हरी वहां पर पहुंच गए थे, वह दोनों मुझे पकड़कर करीब २० फुट दूर ले गए और मुझे एक बड़े से पेड़ के साथ कसकर बांधा। सुमन मेरे दोनो स्तनों को जोर से दबाते हुए मुझे चूम रहा था। हल्दी लगाने की रस्म के दिन मैंने उन लोगों को जो चुनौती दी थी उसमें मैं हार रही थी यह सोचकर मुझे अफसोस हो रहा था। लेकिन जुदाई मुझे बहुत ही अच्छी लगती है और मैं इस काम में बहुत माहिर भी हूं।

आज मुझे हारना ही है यह समझ कर मैं खुद को चुदाइ के लिए मानसिक रूप से तैयार करने लगी। हरि ने मेरी सलवार की रस्सी को खोलना शुरू कर दिया। मैं समझ गई कि वह लोग मेरी चुदाइ करने के लिए बेताब हैं। थोड़ी ही देर में उनके सामने मैं बिल्कुल ही नंगी हो गई। मेरे सारे कपड़ो को उतार कर उन्होंने पेड़ की टहनियों के ऊपर रख दिया और अपने कपड़ों को भी उतार कर वैसा ही किया। इसके बाद सुमन और हरी ने मेरे स्तन और मेरे पेट पर मालिश करना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही देर में मुझे सर से लेकर पांव तक एक अद्भुत अनुभूति होने लगी। ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे शरीर के ऊपर से बिजली दौड़ रही है। मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया था। एक हाथ दूर की चीजें भी मुझे दिखाई नहीं दे रही थी। वह दोनों मेरे स्तनों को बहुत जोर जोर से चूस रहे थे। चुदाई के नशे में आकर मेरे पैर ढीले हो रहे थे, मैं खड़ी नही रह पा रही थी।दूर से हेमा की चिल्लाने की आवाज सुनकर मैं दुगनी उत्तेजित हो गई। वह दोनों अपनी जीवो को मेरी सूची से हटाकर नीचे की तरफ लाने लगे।।

गुदगुदी की वजह से मेरी रीड की हड्डी तेरी हो रही थी। उनकी जीभ मेरी चुत के पास आकर रुक गई। सुमन ने उसकी उंगली एक ही झटके में मेरी चुत के अंदर डाल दिया। पहले मैंने बहुत सारे लड़कों के साथ यौनसंगम किया था, इसलिए मेरी चुत के अंदर उसकी उंगली बहुत ही आसानी से घुस गई। यह देखकर उसने कहा की, "यह जगह तो बिल्कुल ढीली हो गई है"। यह सुनकर मुझे बहुत ही बुरा लगा। पहली बात तो यह है कि वह मेरे लायक नहीं था और दूसरी बात मेरी चुत इतनी भी ढीली नहीं थी। जितने लोगों ने मेरी चुदाई की है सभी ने कहा है कि आपकी चुत बहुत ही अच्छी है।

कामुक होने की वजह से मैं उसकी इन बातों का जवाब देना भूल गई। सुमन जोर-जोर से अपनी उंगलियों को मेरी चुत के अंदर बाहर करने लगा। मैं अनजाने में ही अपने दोनों पैरों को दोनों तरफ फैला कर खड़ी हो गई। हरि पीछे से मेरे स्तनों को और चूची को दबाने लगा। चूची औरत का एक बहुत ही कोमल अंग होता है वहां पर हाथ लगाने से या मुंह लगाने से औरत बहुत ही जल्द उत्तेजित हो जाती है। मैं भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी। इसके बाद हरि अपने लडं को मेरी चुत के ऊपर रगड़ रहा था पर अंदर नहीं डाल रहा था।

मुझे पता नहीं था कि यह दोनों इतनी अच्छी तरीके से किसी औरत को उत्तेजित कर सकते हैं। अचानक ही सुमन ने मेरा गला पकड़ कर मुझे एक बार चुम्मा दिया। फिर रस्सी को खोलकर मुझे जमीन पर गिरा दिया। इसके साथ ही हरि ने भी अपना लडं मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने उसके लडं को चूसना शुरू कर दिया। लडं चूसने का मेरा बहुत ज्यादा तजुर्बा था, इसलिए मैं समझ गई कि हरी आखिर चाहता क्या है। सुमन ने मिट्टी के ऊपर बैठकर मेरे दोनों पैरों को पकड़ कर मुझे अपने पास घसीट कर लाया और अपना लडं जोर से मेरी चुत में डाल दिया।

चुदाई के आनंद में आकर कुछ सेकंड के लिए मैं भूल गई कि यह लोग मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे हैं। सुमन ने अपना लडं मेरी चुत से एक बार बाहर निकाला और फिर से डाल कर बहुत जोर जोर से मेरी चुदाई करने लगा, और साथ ही मेरे स्तनों को भी दबाने लगा। और इधर मैं भी हरि के लडं को चूस रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

सुमन ने थोड़ी देर मुझे चोदा और फिर वह रुक गया और फिर हरि मेरे पीछे आ गया। पहले से गीली हुई मेरी चुत के अंदर हरि का लडं घुसने में कोई दिक्कत नहीं हुई मुझे इसके बाद सुमन मेरे नीचे सोकर मुझे चूमने लगा और मेरी चूची को अपनी उंगलियों से रगड़ने लगा। चूची को जोर जोर से रगड़ने की वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने उससे कहा कि थोड़ा धीरे से करो तोह वह और जोर से करने लगा, स्तनों की दर्द की वजह से मैं चीख रही थी। पर आज मैं कुछ नहीं कर सकती थी यह सब सहने के अलावा। थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद हरि ने अपना साड़ा बीर्य मेरे अंदर डाल दिया।

इसके बाद सुमन ने मेरे नीचे से उठकर मुझे पीठ के बल जमीन पर सुलाया, फिर मेरे ऊपर लेट कर अपने लडं से मेरी चुदाई करने लगा। जुदाई का यह तरीका मुझे बहुत ही पसंद है। पड़ोस का बिरजू हमेशा ऐसे ही मेरी चुदाई करता है।थोड़ी देर जुदाई के बाद ही मैं पूरी तरह से थक गई। फिर सुमन ने भी मेरी चुत के अंदर अपना सारा बीर्य डाल दिया।

थोड़ी देर तक मैं यूं ही जमीन पर लेटी रही, फिर मेरी चुत का पानी भी निकल गया। हेमा और बाकी दोनों लड़के बैठकर हमें देख रहे थे। शाम होने में अब ज्यादा देरी नहीं थी, हम तीनों ने अपने कपड़े पहने फिर एक दूसरे के घर के लिए निकल गए। घर जाते वक्त मैं सिर्फ यह सोचकर दुखी हो रही थी की लाखों रुपयों के बगीचे को आज २ रुपयों की बकरियों ने खा लिया।

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