दोस्त के पति ने की मेरी किचन में चुदाई

दोस्त के पति ने की मेरी किचन में चुदाई

हेलो दोस्तों आप सबका chut-phodo.blogspot.com में बोहोत बोहोत स्वागत है। मेरा नाम जया है। मैं इस वेबसाइट की एक पाठिका हूं। कुछ दिनों से मैं इस वेबसाइट की कहानियों को पड़ रही हूं। आज मुझे भी अपनी एक चुदाई कहानी आपलोगों के साथ शेयर करने की इच्छा हुई। इस अन्तर्वासना चुदाई कहानी में मैं आपको बताऊंगी की मेरी एक सहेली के पति ने हमारे घर के किचन में मुझे कैसे चोदा था। तो आपलोग मेरी वो किचन की चुदाई कहानी पूरे मन लगाकर पढ़िएगा।

दोस्त के पति ने किचन में मुझे चोदा
विशेष सूचना: ये कहानी और इसके सारे चरित्र काल्पनिक है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति के साथ इनका सादृष्य केवल एक संयोग है।

मेरी एक बहुत अच्छी सहेली है माया!

वह हमारे घर पर आती रहती है और उसका पति भी हमारे घर पर आता रहता है।

हम सब लोग एक दूसरे को काफी अच्छे से जानते हैं।


मैंने बहुत बार यह ध्यान दिया है कि उसका पति मेरी तरफ देखा करता है। पर मैंने कभी उसको अपने साथ कोई शरारत करने का मौका नहीं दिया। माया के पति का नाम सुनील है। वो लंबा है और दिखने में भी अच्छा है। मुझे वो काफी अच्छा लगता है। लेकिन जैसा भी हो, वो मेरी अच्छी दोस्त माया का पति है। मैं माया को धोका नही दे सकती थी। इसलिए मैने कभी उसे भाव नहीं दिया।


यह बात २०१९ की दिवाली से दो-तीन दिन पहले की है.


माया का मुझे कॉल आया; उसने मुझसे पूछा कि अबकी बार मैं दिवाली पर क्या प्लान कर रही हूं।

तो मैंने उससे कहा- "ऐसा तो कुछ खास नहीं है. पर तू बता क्या प्लान है तेरा?


उसने मुझसे कहा- "जया, इस बार हम मिल कर मजे करते हैं।

आगे उसने मुझसे कहा- "इस बार ऐसा करते हैं कि मैं और मेरे पति तुम्हारे घर आ जाते हैं; फिर हम मिलकर दिवाली पर इंजॉय करेंगे।


मैंने भी उसका यह ऑफर स्वीकार कर लिया और उसको अपने घर पर इनवाइट कर दिया।

हमारा प्लान एकदम फिक्स था।


दिवाली के दिन वो लोग शाम को ही हमारे घर पर आ गए। आते वक्त वो दोनो हमलोगो के लिए मिठाइयां और काजू कतली लेकर आए थे। मेरे घर पर मैं, मेरी मा, मेरा भाई जग्गू और मेरे पापा रहते हैं। वो लोग भी उनको देखकर खुश हो गए।


कुछ देर तक हम लोग आपस में बातें करने लगे। इसके बाद हम सब लोग पटाखे फोड़ने हमारे घर की छत पर चले गए। मैने उसदीन एक गुलाबी रंग का लहंगा पहना था। मेरे मम्मी पापा ने खास मेरे लिए वो लहंगा पसंद किया था। उसमे मेरा पेट और मेरी पीठ एकदम अच्छे से दिख रहे थे। मैं उस लहंगे में बोहोत हॉट और सेक्सी लग रही थी।


इस वक्त आप लोगो को मेरे फिगर के बारे में बताना जरूरी है। मेरी हाइट ५ फुट २ इंच है, मेरी छाती है ३३ इंच कमर २४ और मेरे कूल्हे ३४ इंच के हैं। कुल मिलाकर मैं एकदम सेक्स की दुकान हूं, बिल्कुल चॉकलेट बंब।


पटाखे फोड़ने के बाद मेरा भाई जग्गू उसके किसी दोस्त के घर चला गया। मैने देखा की पटाखे फोड़ते फोड़ते बार बार माया का पति मेरी तरफ देख रहा था। उसका ऐसे देखना मुझे अच्छा लगा। असल में कुछ दिनो पहले ही मेरा अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हुआ था। इसलिए मैं थोड़ी दुखी थी। मैं अपने जिस्म की आग को बुझाने के लिए उन्दीनो अपनी उंगलियां चूत में डालकर चूत का रस निकालती थी। लेकिन कुछ खास मजा नही आ रहा था। मुझे पता था की जबतक कोई मर्द मुझे अपने लंड से चोद चोद कर मेरी चूत को नही सताएगा, तबतक मुझे चैन नहीं मिलेगा। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अपने आप को सुनील से चुदवाने के लिए तड़प रही थी। जो भी हो माया मेरी दोस्त है। मैं उसके साथ इतना बड़ा धोखा नहीं कर सकती थी।


थोड़ी ही देर में मेरे पापा और सुनील आपस में बातें करने लगे और मैं, मेरी मम्मी और माया किचन में खाना बनाने लगे। पहले हम लोगो ने पकोड़े बनाए और मैने जाकर पापा और सुनील को वो पकोड़े दे दिए। पकोड़े देते वक्त जैसे ही मैं नीचे झुकी तो सुनील अपनी आंखें फाड़ के मेरे दूध देखने लगा। ऐसा लग रहा था की अगर मैं उसे मिली तो वो मुझे अच्छे से पूरी रात पेलेगा।


पकोड़े देकर ही मैं वहां से चली आई। फिर हम औरतों ने मिलकर पकोड़े खाए और आपस में बातें करने लगे। फिर हम लोग रात के खाने का इंतजाम करने लगे।


कुछ देर बाद अचानक घर की घंटी बजी। मम्मी ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि मेरे पापा के एक पुराने दोस्त हमारे घर आए हैं अपनी पत्नी को लेकर। पापा अपने पुराने दोस्त और उनकी पत्नी को देखकर बहुत खुश हो गए। मम्मी ने उनको पापा के पास सोफे में बिठाया और वह लोग आपस में बातें करने लगे। मैंने और माया ने मिलकर उनके लिए पकौड़े बनाएं और उन्हें पकौड़े खाने को दिया। अब मेरे पापा और मेरी मम्मी उनको उनके साथ बातें करने लगे और यहां किचन पर में मैं और माया खाना बनाने लगे। थोड़ी देर बाद मम्मी ने माया को किसी काम से अपने पास बुलाया माया के जाने के बाद मुझे किचन में थोड़ा अकेला लग रहा था। लेकिन कुछ देर बाद माया का पति सुनील वहां आया और मुझसे पानी मांगने लगा।


मैंने उसको पानी की बोतल दी तो उसने बोतल पकड़ने के बहाने मेरा हाथ पकड़ लिया।


मैं उससे कहने लगी- "आप यह क्या कर रहे हैं?"

तो फिर वह मुझसे कहने लगा- "मुझे पता है क्या हाल ही में आपका अपने बॉयफ्रेंड के साथ ब्रेकअप हो गया है और आप उस बात को लेकर बहुत परेशान है। और मुझे यह भी पता है कि आप मन ही मन में मुझे पसंद करती हैं, लेकिन माया की वजह से कह नहीं पातीं।"


वैसे काफी दिन हो गए थे मेरी चूत को किसी मर्द का स्पर्श पाए हुए। और इसके ऊपर उस्वक्त आस पास कोई था भी नही। तो मैंने उससे कहा, "आप क्या करना चाहते हैं मेरे साथ?" तो उसने जवाब दिया, "आपकी प्यासी चूत को चोदना चाहता हूं मैं।" यह बात सुनकर मैं थोड़ा घबरा गई। क्योंकि मैंने सोचा था कि वह ज्यादा से ज्यादा मुझे थोड़ा किस करेगा या मेरे स्तनों को दबाए गा।


मेरा चेहरा तो एकदम से लाल हो गया था; मुझे कुछ समझ ही नहीं आया।

लेकिन मेरे चेहरे के हाव भाव देखकर वह मुझसे कहने लगा- "सॉरी जया, मुझे माफ करना; लेकिन यार तुम हो ही इतनी खूबसूरत कि मैं चाह कर भी अपने आप को रोक नहीं पाया।"


मुझे भी चुदवाने की इच्छा हो रही थी इसलिए मैंने भी उसको बोल दिया- "ठीक है।"


फिर वह मेरे पास आया और मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा। मेरे होठों ने भी इसके जवाब में उसके होंठों को चूसना शुरू किया। वह मेरे सारे बदन को कपड़ों के ऊपर से ही दबा रहा था और मेरे होंठ गाल गर्दन और पीठ को अच्छे से चाट रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, कई दिनों बाद किसी मर्द ने मुझे ऐसे छुआ था। इसके बाद वह पीछे से मेरे स्तनों को दबाने लगा और थोड़ी देर बाद मेरे ब्लाउज के अंदर अपना हाथ डाल दिया। ब्लाउज के अंदर अपना हाथ घुसा कर वह मेरे आमो को निचोड़ निचोरके मजे लेने लगा। 


इसके बात उसने मेरा ब्लाउज उतारने की कोशिश की। लेकिन मैंने उसको रोक दिया क्योंकि घर में पहले से ही बहुत सारे लोग थे और हमारे पास ज्यादा वक्त भी नहीं था। और मैं जल्द से जल्द अपनी चूत की प्यास को बुझाना चाहती थी। वह मेरी बात समझ गया और इसके बाद ब्लाउज उतारने के लिए मेरे साथ कोई जबरदस्ती नहीं की।


फिर वह नीचे बैठ गया और उसने मेरे लहंगा को नीचे से ऊपर उठा दिया। मैंने लहंगा के अंदर लाल रंग की सेक्सी पेंटी पहनी थी। उस पेंटी में सिर्फ चूत और गांड ढकी हुई थी। बाकी हिस्से में सिर्फ धागा था। सुनील को मेरी यह सेक्सी पैंटी बहुत पसंद आई। उसने कहा, "अरे वाह बड़ी ही सेक्सी पैंटी पहनी है आपने। ऐसी पैंटी में फिंगरिंग करने में काफी आसानी होती होगी। तो मैंने कहा, "अब आप ही बताइए कि मैं क्या करूं? मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे छोड़ दिया और अब मुझे उंगलियों से ही काम चलाना पड़ता है। इसलिए ज्यादातर वक्त मैं बिना पैंटी के रहती हूं या फिर ऐसी पैंटी पहने रहती हूं, ताकि मैं जब चाहूं तब अपनी चूत में उंगली डाल सकूं।" सुनील बोला, "मेरे जैसे मर्द के रहते आपको अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करना पड़ता है यह जानकर मुझे दुख हुआ।" फिर उसने मेरी पैंटी को अपनी जगह से थोड़ा नीचे कर दिया और फिर मेरी चूत पर अपना मुंह लगा दिया और मेरी चूत को चूसने लगा।


अभी आज ही मैंने अपनी चूत के बाल काटे थे। बिना बालों की एकदम चिकनी और रसीली चूत है मेरी। मैं सीधी खड़ी थी तो मैंने भी तेजी से उसका सर पकड़ लिया और उसके मुंह को मेरी चूत के ऊपर दबाके रक्खा। बहुत देर तक वह मेरी चूत को अपनी जीभ को अंदर डालता रहा।

कभी वह जीभ को पूरी अंदर डाल देता और कभी निकाल लेता।


अब मुझसे सीधे खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। अब मेरा मन लेटने का कर रहा था।

लेकिन हम किचन में थे तो मैं लेट भी नहीं सकती थी। मेरे घुटने भी थोड़े दर्द कर रहे थे। लेकिन मुझे पता था कि अगर मुझे अपनी चूत में सुनील का लंड लेना है तो यह दर्द सहन करना ही होगा। इसलिए मैं वैसे ही खड़ी रही।


फिर वह खड़ा हुआ और उसने अपनी पैन्ट से अपना लंड बाहर निकाला और सीधा मेरी चूत में डाल दिया। इतने समय से मेरे स्तन, मेरी चूचियां दबाने की वजह से मेरी चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और वहां से पानी निकल रहा था। इसलिए उसका लंड आराम से मेरी चूत के अंदर घुस गया। मेरी चूत के अंदर उसका लंड घुसते ही मुझे ऐसा लगने लगा मानो मैं स्वर्ग में हूं। सुनील का लंड ज्यादा लंबा नहीं था, लेकिन बहुत मोटा था। उसका लंड मेरी चूत की अंदर की दीवार से जमकर लिपट रहा था।


इसके वह जमकर धक्के लगाने लगा।

फिर मैं चुदाई के आनंद में खोने लगी, मुझे भी दिवाली सेक्स का आनंद आने लगा।


मैने अपनी चूत की मदद से उसके लंड को कसकर जकड़ा और चुदाई का लुफ्त उठाने लगी। चोदते चोदते उसने मेरे ब्लाउज के अंदर अपने दोनो हाथ डाल दिए और मेरे स्तनों को दबाने लगा। इसके बाद उसने अपनी उंगलियों से मेरे निप्पल को सहलाना शुरू किया। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। क्योंकि निप्पल या चूचियां एक औरत का दूसरा सबसे संवेदनशील अंग है।


मेरे मुंह से कामुक आवाजें निकल रही थी।

लेकिन मैंने जहां तक हो सके अब अपना मुंह बंद रखने की कोशिश की क्योंकि अगर मैं ज्यादा जोर से चीखने लगी तो घर वालों को पता चल जाएगा हमारे बारे में।


हमारी किचन में गैस का ओवन जमीन से थोड़ी ऊंची एक सतह पर रखा हुआ है। थोड़ी देर दमदार चुदाई के बाद उसने मुझे उस सतह के ऊपर बैठने को बोला ताकि वह सामने से मुझे चोद सके मैंने उसकी बात मान ली और उस सतह के ऊपर बैठ गई। फिर वह मेरे ऊपर सो गया और मिशनरी पोजीशन में मुझे चोदने लगा। चोदते चोदते वह मेरी चूचियां, मेरे गाल और मेरी गर्दन पर किस करने लगा। इस वक्त मुझे बेहद आराम मिल रहा था।


मैने अपने दोनो हाथ उसकी पीठ पर रखके उसे कसकर पकड़ रक्खा था। और वो जोर जोर से अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा। इसवक्त मैने उससे कहा, "उफ्फ सुनील, तुम्हारा लंड मेरी चूत को खूब सता रहा है। बोहोत मजा आ रहा है। और जोरसे चोदो मुझे।" तो इसके बाद सुनील ने जानवर की तरह मुझे चोदना शुरू कर दिया। मैं भी आह उह ऊह आवाजें निकालने लगी।


इस तरह से लगभग १५ मिनट चोदने के बाद सुनील ने मुझे इतनी जोर से जकड़ा की मेरी सांसें अटक गई। उसकी चुदाई की रफ्तार भी काफी बढ़ गई। इससे मुझे पता चल गया की अब उसका माल निकलने वाला है। असल में मुझे बिना कंडोम के लंड लेना पसंद है। अगर कोई मेरे अंदर अपना लंड डाले तो मैं अपनी चूत को उसका दूध बिना चखाए जाने नही देती। तो मैंने सुनील के होठों पर अपने होंठ लगाए और उसे चूमने लगी।


चूमते चूमते ही सुनील का लंड मेरी चूत के अंदर एकदम से फूल गया और उसने पिचकारी की तरह अपना दूध मेरे अंदर डाल दिया। इसके बाद हम दोनों थोड़ा थक गए थे। सुनील थोड़ी देर तक मेरे ऊपर लेटा रहा और फिर उठकर अपनी पैंट ठीक कर ली। मैने भी एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी मलाई से लिपटी हुई अपनी चूत साफ की और अपनी पैंटी लहंगा ठीक कर ली। इसके बाद हम दोनो ने एक दूसरे को एक और बार चूमा और फिर वो किचन से बाहर चला गया।


इसके बाद मैने खाना बनाने में अपना मन लगाया और थोड़ी देर बाद माया और मेरी मां अंदर आ गए। खाना बनाने के बाद हम सबने मिलकर खाना खाया और इसके बाद सुनील, माया और पापा के दोस्त और उनकी बीवी अपने अपने घर चले गए।


जाते जाते सुनील ने एकबार मेरी ओर देखा और कहा, "सचमे जया, आजकी रात मैं कभी नहीं भूलूंगा। बोहोत मजा आया आज।" बाकी लोगो ने क्या समझा ये मुझे पता नहीं लेकिन में समझ गई की सुनील आखिर किस बारेमे बात कर रहा है।


अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगी की कैसे सुनील ने कैसे अपनी मर्दानी ताकत से मुझे और माया दोनो को एकसाथ चोदा। ये कहानी जल्दी ही आयेगी। तब्तक के लिए अलविदा दोस्तों।

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