मम्मी की सहेली को पटाया और चोदा

मम्मी की सहेली को पटाया और चोदा

इस कहानी में सारे चरित्र काल्पनिक हैं। वास्तब से मिलने की संभाबनाये बिल्कुल ही काकतैलीय हैं।

बलत्कार करना एक पाप है। ये वो लोग करते है जिनकी ओकात नही किसी औरत को पटाने कि।

हाय दोस्तो, आप लोग के लिए मेरे पास एक नयी कहानी मौजूद है | इस कहानी को जानने के बाद आप को मेरी चुदाई के विषय में जानने को मिलेगा | मैं एक दिन अपने किसी परिचित के घर गया हुआ था | मैं जिसके घर गया हुआ था वो मेरी मम्मी की सहेली थी | मेरी मम्मी ने मुझे उस सहेली के घर पर इसलिए भेजा था ताकि मैं वहा पर जा कर अपने बदन का दर्द दूर करवा सकू | उस दिन मेरे बदन पर दर्द हो रहा था | लेकिन जब मेरी अन्टी मेरे बदन को तेल लगाकर मसल रही थी तब मैं उसके दूध को देख रहा था | उसके दूध बड़े थे और मैं उसके बड़े दूध को मसलने के लिए तयार था लेकिन अगर मैं उनके दूध को तुरन्त मसलने लगता तो वो आंटी मेरा मसाज नही करती | कई दिन के बाद मुझे एक ऐसा मौका मिला था की मैं कुछ नया कर सकू जैसे की उस आंटी की चुदाई कर सकू | उस आंटी ने मुझे सलाह दिया की तुम्हे एक महीने तक मुझ से मसाज करवाना पड़ेगा ताकि तुमको तुम्हारे दर्द से आराम मिल सके | जब मैं पहेले दिन उस आंटी से अपनी तेल की मालिस करवा रहा था तब मेरी नजर सिर्फ उनके दूध पर थी |जब वो झुककर मेरे दूध को दबा रही थी तो उसके दूध झूल रहे थे | जब मेरी आंटी ने मुझ से कहा की तुमको एक महीने तक मसाज करवाना पड़ेगा तो मुझे जैसे एक मौका मिल गया था उस आंटी को चोदने का | एक दिन जब वो आंटी मुझ को मसाज कर रही थी तो उनको चुदाई के लिए तयार करने के लिए मैंने उनको एक उपहार दिया | क्योकि उपहार देने से आप किसी को भी तयार करवा सकते हो ताकि उसकी चुदाई सरलता से कर सको | उस दिन मेरे लिए एक खास दिन था क्योकि मेरी आंटी मुझ से खुस थी | मेरे दिए गए उपहार ने मेरा चुदाई करने की योजना को सफलता दिया था | अगले दिन जब मुझे मौका मिला की कुछ खास करू ताकि मैं अपनी आंटी को बहला सकू और मुझे एक दिन मेरी आंटी को चोदने का मौका मिल जाये | आखिरकार मुझे एक दिन मेरी आंटी को चोदने का मौका मिल गया | मैं आंटी के घर पर गया था और वहा पर मेरी आंटी ने मुझ से कहा की तुम बिस्तर पर जा कर लेट जाओ | मैं कुछ समय तक बिस्तर पर लेटा हुआ था फिर उसके बाद मेरी आंटी कमरे के अन्दर आगई | उस आंटी ने मेरे लिए खाने के लिए फल दिया | मैं उस दिन फल खा रहा था | जब मैंने फल खाकर खत्म कर लिया तब मेरी आंटी ने मेरे मसाज करना शुरु किया | उन्होने तेल की एक बोतल को खोला और खोलने के बाद उसके अन्दर से तेल को निकाला |तेल निकलने के बाद उन्होने तेल को अपने हाथो में लिया और मेरे बदन पर लगा रही थी | जब मेरी आंटी मुझ को तेल लगा रही थी तब मैंने सिर्फ पजामा को पहना हुआ था | दर्द को दूर करने के लिए तेल लगाने से मुझ को काफी फायदा हुआ | जब मेरी आंटी मुझको तेल लगा रही थी तब मेरे लंड से माल निकल रहा था | उसकी वजय से मेरे लंड से पजामा गिला हो चूका था | मेरे लंड चिप चिप्पा हो चूका था | फिर मैंने अपनी आंटी को अपने ऊपर गिराया ताकि उनको गले लगा सकू | मैंने अपनी आंटी को गले लगाया जब वो मेरे ऊपर गिर गयी कुछ समय तक वो मेरे ऊपर गिरी हुई थी | मैंने जब उसे गले लगाया था | तो उस आंटी ने भी मेरा साथ दिया और उसने भी मुझे गले लगाया | कुछ समय तक मैंने अपनी आंटी को गले लगाया हुआ था | फिर कुछ समय बिता तो मैं अपनी आंटी के दूध दबा रहा था | मैंने अपनी आंटी के ब्लाउज को खोल दिया और उस समय मेरी आंटी सिर्फ ब्रा पहनी हुई थी | मैंने अपनी आंटी के ब्रा से उनके दूध को बाहर निकाला और उनके दूध को पीना शुरु कर दिया | मैं जब अपनी आंटी के दूध को पी रहा था तब मेरी आंटी अह अह चिल्ला रही थी | फिर मैंने अपनी आंटी की साडी को खोला और उनकी पेटीकोट को खोला | उनकी पेटीकोट को खोलने के बाद मैंने उसकी चूत को अपने हाथो से रगड़ने लगा | फिर उसके बाद मैं अपने हातो से अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर डाल दिया |कुछ समय तो मेरी आंटी मेरे ऊपर छाती के बल लेटी हुई थी और मैं उन्हे धक्के दे रहा था | कुछ समय के बाद मैंने अपनी आंटी को पलटने के लिए कहा और वो मेरे ऊपर पीट के बल लेटी हुई थी और मैंने उनकी चूत में अपना लंड को डाला हुआ था | उस दौरान में अपनी आंटी को धक्के दे रहा था | ऐसा करने पर मेरे लंड को दर्द भी हो रहा था | कुछ समय के बाद मेरे लंड से माल निकलने लगा तो मुझे मेरी आंटी को धक्का देने में सरलता मिलने लगी | चिप चिपा लंड होने के कारण मेरे लंड आसानी से मेरे आंटी की चूत में घुस रहा था | जब मेरे लंड का माल गिरकर खत्म हो चूका था तब मैं उनकी चुदाई कर के थक गया था | मुझे थकावट होने लगी थी लेकिन फिर भी मैं अपनी आंटी को चोद रहा था | मेरी आंटी ने चुदाई के समय मुझ से कहा की उनके पत्ती घर के बाहर गए हुए है इसलिए उनकी सलाह पर मुझे उनको चोदने का एक लम्बा समय मिल चूका था | मेरी आंटी ने मुझे बताया की अंकल बाहर गए हुए है इसलिए तुम मुझे शाम तक चोद सकते हो | लेकिन मैंने फिर भी सतर्कता को अपनाया ताकि कोई भी मेरे आंटी के घर पर ना आजाये और मुझे चुदाई करते हुए देख ले |तभी मुझे एक फोन आया क्योकि मेरे पापा ने मुझे फोन लगाया | उन्होने मुझे इसलिए फोन लगाया था क्योकि मैं काफी देर तक आंटी के घर पर रुका हुआ था | जब मेरे पापा घर पर आये तो उन्होने मुझ से पूछा की तुम कहा पर हो और कितने देर से लौट रहे हो | तब मैंने अपनी आंटी से कहा की मेरे पापा ने मुझे फोन लगाया था इसलिए आपके घर पर रुकते हुए मुझे काफी देर हो चुकी इसलिए अब मुझे चलना पड़ेगा | मैंने अपनी आंटी को वादा किया की मैं अगले दिन आने वाला हूँ तब मैं आपको चोदुंगा | मेरे ऐसा कहने पर आंटी ने मुझे जाने दिया | उस दिन चोदने के बाद मैं अपने घर लौट गया | जैसे ही मैं घर पर लौटकर पहुचा तो उस आंटी की लड़की मेरे घर पर पहुची हुई थी | वो लड़की मुझ से मिलने के लिए आई थी क्योकि उसकी मम्मी ने उसको मेरे घर पर भेजा था | क्योकि धोके से मैंने अपनी गाडी की चाभी उनके घर छोड़ दिया था | मैं अपने घर पर अपनी गाडी की चाभी को तलाश कर रहा था | लेकिन मैं थककर हार गया था और मैं गाडी की चाभी तलाश नही कर पाया | तभी उस आंटी की लड़की मेरे घर पर आई और उसने मुझे बताया की गाडी की चाभी उसके घर पर थी | वो लड़की मोटरसाइकिल नही चला सकती थी इसलिए मैं उस लड़की के साथ कुछ दूर तक गया जहा पर मेरी गाडी खड़ी थी उनके घर के सामने|जब मैं गाडी के पास पहुचा तो आंटी भी घर के बाहर खड़ी हुई मिली और मेरे जाने पर उन्होने मुझे बाय बोला | अगले दिन जब मैं आंटी के घर पर पहुचा तब घर पर अंकल मौजूद थे इसलिए उस दिन आंटी को चोदना सरल नही था | जिस दिन अंकल घर पर मौजूद थे मैं उनके घर पर पहुचा और उन्होने मुझे एक सोफे पर बैठाया | तब उन्होने मुझ से मेरी जिन्दगी के विषय में पूछा | मैं भी अपने जिन्दगी के विषय में उनको बताने लगा | कुछ समय के बाद मेरी आंटी भी वहा आकर बैठ गयी और उन्होने मेरे लिए एक पकवान बनाया था | जब मैंने उनका बनाया हुआ पकवान खा लिया तब उन्होने मुझ से कहा कमरे के अन्दर चले जाओ | आंटी के ऐसा कहने पर अन्दर चला गया | कुछ समय के बाद आंटी मेरे कमरे के अन्दर घुस गयी और फिर उन्होने मुझ से कहा की आज अंकल मौजूद है इसलिए आज तुम कोई ऐसी वैसी हरकत नही करना वर्ना तुम्हारे अंकल को मालूम चल जायेगे | फिर मैंने अपनी आंटी से कहा की क्यो न आप मुझे आपका फोन नम्बर दे दो ताकि मैं आपके फोन नम्बर पर फोन कर सकू और ये मालूम कर सकू की किस दिन अंकल घर पर नही है | जब आप फुर्सत में रहोगे तब आप मुझे फोन करना और फिर एकांत का फयदा ले कर मैं कुछ कर सकता हूँ | इसलिए मैं मौका तलाश कर रहा था | आखिरकार मुझे मौका मिल गया | एक दिन मेरी आंटी ने मुझे फोन लगाया और मुझ से कहा की मेरे पास फुर्सत का समय है और घर पर कोई नही है | इसलिए तुम घर पर आ सकते हो |मैंने तुरंत अपनी गाडी को चालू किया और उनके घर पर पहुच गया | उस दिन मेरी आंटी को मेरे लंड उनके मुह में लेने की भूख थी इसलिए उन्होने मुझ फोन करके आने के लिए कहा था | उनके घर पहुचकर मैंने अपनी आंटी से कहा की आप मेरा मसाज करना शुरु कर दो | ऐसा कहने पर उन्होने मेरा मसाज करना शुरु कर दिया | कुछ समय तक वो मेरा मसाज करती रही | मसाज करने के दौरान मैंने अपनी आंटी से पहुचा की घर पर कोई है | तब मेरी आंटी ने मुझे बताया की घर पर कोई नही है | जब मुझे ये मालूम चला की घर पर कोई नही है तो मैंने अपने बिस्तर को छोड़ा और बिस्तर से उठकर दरवाजा बन्द करने के लिए चला गया | दरवाजा बन्द करने के बाद मैंने अपनी आंटी से कहा की अब आप मेरा मसाज करो | उन्होने मेरे बदन पर तेल लगाया और मेरे बदन दबाने लगी | एक महीने तक उन्होने मुझे ये खास सेवा दी | मेरे बदन के उपर तेल लगाने के बाद वो मेरा बदन को दबा रही थी | जब मेरी आंटी मेरे छाती तक पहुच गयी तो मैंने उसके दूध को दबाने लगे और फिर उनको गले लगा लिया | कुछ देर तक उनको गले लगा कर मैंने उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया लेकिन उस समय मैंने उन्हे नंगा नही किया था | मैंने सिर्फ उनकी पेटीकोट की रस्सी को खोला | इसके बाद उनको चोदने लगा |

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